Babar Death Anniversary: चंगेज खान और तैमूर के वंश में पैदा हुए बाबर भारत में मुगल साम्राज्य के संस्थापक के रूप में जाने जाते हैं. बाबर को आज भी बाबरी मस्जिद के कारण याद किया जाता है. बाबर ने भारत पर 5 बार आक्रमण किया था लेकिन वह यहां बसना नहीं चाहता था. कहा जाता है कि, उसने तीन बार समरकंद पर कब्जा करने के लिए हमला किया लेकिन तीनों बार समरकंद उसके हाथ से चूक हो गया. माना जाता है कि,अगर समरकंद पर बाबर का कब्जा हो गया होता तो वह भारत में कभी नहीं आता.
बाबर का पूरा नाम जहीरुद्दीन मुहम्मद बाबर था जिसका जन्म 24 फरवरी 1483 में फ़रग़ना में हुआ था. बाबर अपने पिता तैमूर का पांचवा वंशज था वहीं माता चंगेज खान की चौदहवां वंशज था. बाबर के पिता उनरशे मिर्जा फरगाना नाम के एक छोटे से राज्य के शासक थे. पिता के बाद बाबर ने 8 जून 1494 को फरगना की गद्दी संभाली. वहीं 1507 में बाबर ने बादशाह की उपाधि धारण की. इस उपाधी के तैमूर के किसी वंश ने धारण नहीं की थी. बाबर की मातृभाषा चग़ताई भाषा थी लेकिन उसे फारसी की भी ज्ञान थी. उसने चगताई भाषा में बाबरनामा के नाम से अपनी आत्मकथा लिखी थी.
भारत में मुगल वंश की शुरुआत 1526 ई. में पानीपत के प्रथम युद्ध के बाद हुई. उस दौरान दिल्ली सल्तनत की गद्दी पर लोदी वंश के सुल्तान इब्राहिम लोदी विराजमान थे. इब्राहिम लोदी की पराजय के साथ ही भारत में मुगल वंश की स्थापना हो गई. भारत में मुगल वंश की संस्थापक बाबर को माना जाता है. बाबर को भारत पर आक्रमण करने का निमंत्रण पंजाब के शासक दौलत खान लोद और मेवाड़ के शासक सांगा ने दिया था. भारत आने के बाद बाबर ने पहला युद्ध इब्राहिम लोदी के साथ किया जिसमें बाबर की जीत हुई थी.
20 अप्रैल 1526 ई. को बाबर ने इब्राहिम लोद का कत्ल कर दिया और आगरा की गद्दी पर बैठा था. भारत आने के बाद बाबर ने 5 युद्ध किया. पहला पानीपत के मैदान में इब्राहिम लोदी के साथ वहीं दूसरा 1527 में खानवा के मैदान में और फिर राणा सांगा के साथ, 1528 में चंदेरी मेदिनी राय के साथ और 1529 में घाघरा में अफगानों के साथ युद्ध किया. इन पाचों युद्ध में बाबर की जीत हुई. बाबर के बाद मुगल वंश में कई शासक आए जिसने भारत में मुगल सम्राज्य का विस्तार किया.
आपको बता दें कि, भारत में जितने भी मुगल शासक आए वो ज्यादातर तुर्क और सुन्नी मुसलमान थे. मुगल शासन 17वीं शताब्दी के आखिर में और 18वीं शताब्दी की शुरुआत तक चला और 19वीं शताब्दी के मध्य में समाप्त हो गया. First Updated : Monday, 25 December 2023