Explainer: राष्ट्रीय राजनीति का आकार बदल देंगे महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे, जानें कैसे
Maharashtra Assembly election: महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव के नतीजे न केवल राज्य की दिशा तय करेंगे बल्कि राष्ट्रीय राजनीति के विमर्श और रणनीति को भी आने वाले समय में प्रभावित करेंगे. यहां भाजपा के नेतृत्व वाली महायुति बेहद ताकतवर नजर आई, वहीं कांग्रेस के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी (एमवीए) का प्रदर्शन बेहद कमजोर रहा.
Maharashtra Assembly election: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों ने राज्य की राजनीति के साथ-साथ राष्ट्रीय राजनीति पर भी गहरा प्रभाव डाला है. महाराष्ट्र जैसे बड़े और विविधतापूर्ण राज्य को भारतीय राजनीति की प्रयोगशाला माना जाता है, और इस बार के चुनावी परिणामों ने भाजपा के नेतृत्व वाली महायुति को बड़ी जीत दिलाई है. इसके साथ ही कांग्रेस के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी (एमवीए) का प्रदर्शन बेहद कमजोर रहा.
288 विधानसभा सीटों में से महायुति ने 230 सीटों पर बढ़त हासिल की है, जबकि एमवीए केवल 51 सीटों तक सिमट गई. भाजपा ने 149 सीटों पर चुनाव लड़कर 132 सीटों पर बढ़त बनाई, जो 89% का अद्भुत स्ट्राइक रेट है. इन परिणामों ने 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए बड़े संकेत दिए हैं.
बढ़ा भाजपा का आत्मविश्वास
महाराष्ट्र और हरियाणा में भाजपा की जीत से केंद्र सरकार का आत्मविश्वास बढ़ा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विजय भाषण में वक्फ विधेयक और समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को लेकर सरकार की प्रतिबद्धता जाहिर की. वक्फ विधेयक पर चर्चा शीतकालीन सत्र में हो सकती है.
मुस्लिम वोटों और जाति जनगणना का असर
भाजपा को लोकसभा चुनाव में मुस्लिम वोटों के खिसकने और जाति जनगणना के कारण नुकसान उठाना पड़ा. मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में कांग्रेस को भारी समर्थन मिला, जिसका उदाहरण धुले सीट है, जहां भाजपा को हार का सामना करना पड़ा.
आरएसएस की सक्रिय भूमिका
आरएसएस ने महाराष्ट्र में हिंदू वोटों को एकजुट करने में अहम भूमिका निभाई. 65 संगठनों के साथ मिलकर ‘सजग रहो’ अभियान चलाया गया. महाराष्ट्र हिंदुत्व 2.0 की प्रयोगशाला बन गया है, जिसका असर राष्ट्रीय स्तर पर भी देखा जा सकता है.
कांग्रेस की कमजोर स्थिति
महाराष्ट्र में कांग्रेस का स्ट्राइक रेट मात्र 19% रहा. हरियाणा में कांग्रेस की हार और महाराष्ट्र में खराब प्रदर्शन से पार्टी के गठबंधन सहयोगियों में असंतोष बढ़ा है. कांग्रेस के बड़े साझेदार होने के दावे ने एमवीए को नुकसान पहुंचाया.
भाजपा की चुनावी मशीनरी का दबदबा
महाराष्ट्र के नतीजों ने यह साबित किया कि भाजपा एक मजबूत चुनावी मशीनरी है. यह जीत भाजपा के आत्मविश्वास को बढ़ाएगी, जो 2025 के चुनाव चक्र में इसे और आक्रामक बना सकती है.
बुनियादी ढांचा और विकास के वादे
महायुति सरकार ने मुंबई की सड़कों का कंक्रीटीकरण, गरगई पिंजाल जल परियोजना और धारावी पुनर्विकास जैसे बुनियादी ढांचे के वादों पर भरोसा किया. एमवीए के नकद सहायता के वादों की तुलना में यह रणनीति सफल साबित हुई.
आरोपों का कोई असर नहीं
कांग्रेस द्वारा लगाए गए क्रोनी कैपिटलिज्म के आरोपों का भाजपा पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा. महाराष्ट्र में भाजपा की भारी जीत ने यह सिद्ध कर दिया कि ऐसे आरोप मतदाताओं को प्रभावित करने में नाकाम रहते हैं.