Explainer: दुनिया के इन देशों में नहीं मनाया जाता है न्यू ईयर, जानें क्या है इसके पीछे का कारण

Explainer: दुनिया में ऐसे कई स्थान हैं जहां पर कुछ त्योहारों को नहीं मनाया जाता है तो वहीं कुछ स्थान ऐसे भी हैं जहां पर अलग-अलग दिनों में एक ही त्योहार क मनाया जाता है.

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Explainer: भारत में किसी भी त्योहार को बड़ी धूम-धाम के साथ मनाया जाता है, साथ ही यहां पर कई तरह के आयोजन भी किए जाते हैं. नए साल 2023 का लोगों को लंबे समय से इतंजार है लेकिन अब यह दिन काफी जल्द आने वाला है. भारत समेत पूरी दुनिया में नए साल का जश्र बड़े धूमधाम से मनाया जाता है.

न्यू ईयर ईव पर जगह-जगह पर जश्र का माहौल होता है औ पार्टी का आयोजन होता है. लेकिन शायद आप ये बात बिल्कुल नहीं जानते होंगे कि 1 जनवरी के दुनिया के कई देशों में न्यू ईयर नहीं मनाया जाता है. दरअसल 1 जनवरी को नया साल ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार मनाया जाता है. ये कैलेंडर दुनिया में प्रचलित है. ऐसे तमाम देश हैं जिनका अपना अलग कैंलेडर है.

चीन

चीन में चंद्रमा आधारित कैंलेडर को माना जाता है यहां हर तीन साल में सूर्य आधारित कैलेंडर से इसका मिलान किया जाता है इसके हिसाब से इनका नव वर्ष 20 जनवरी से 20 फरवरी के बीच पड़ता है.चीन के साथ –साथ वियनाम, दक्षिण कोरिया और मंगोलिया में भी चंद्र कैलेंडर के मुताबिक, ही नया साल मनाया जाता है.

थाईलैंड

थाईलैंड में जल महोत्सव या थाई नव वर्ष 1 जनवरी को नहीं बल्कि अप्रैल के मध्य में मनाया जाता है. यहां पर 13 या 14 अप्रैल को नया साल मनाया जाता है. थाईलैंड की भाषा में इसेसोंगक्रण कहा जाता है. इस दिन लोग एक दूसरे को ठंडे पानी से भिगोकर नव वर्ष की शुभकामनाएं देते हैं.

रूस और यूक्रेन 

रूस और यूक्रेन के लोग न्यू ईयर के इस त्योहार को नहीं मनाते हैं बल्कि 14 जनवरी को इन जगहों पर नया साल मनाया जाता है. इस जगहों पर रहने वाले पूर्वी रूढ़िवादी चर्च के लोग ग्रेगोरियन न्यू ईयर की तरह जूलियन न्यू ईयर 14 जनवरी को मनाते हैं. यहां आतिशबाजी, मनोरंजन के साथ अच्छा खाना खाया जाता है.

श्रीलंका

न्यू ईयर की लिस्ट में श्रीलंका भी शामिल है. श्रीलंका में भी नया साथ अप्रैल के मध्य में मनाया जाता है. नए साल के पहले दिन को अलुथ कहते हैं, नए साल के मौके पर श्रीलंका के लोग प्राकृतिक चीजों से स्नान करते हैं. First Updated : Sunday, 17 December 2023

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