Explainer: हमास और इजरायल के बीच किन मुद्दों पर बनी समझौते की बात ? जानिए क्या हैं शर्तें

Israel-Hamas Deal:इजरायल और हमास के बीच युद्धविराम होने पर हमास द्वारा बंधकों को छोड़ने के बदले में इजरायल कुछ फिलिस्तीनियों को जेल से रिहा करेगा. साथ ही इजरायल चार दिनों के लिए युद्ध विराम कर देगा.

Tahir Kamran
Edited By: Tahir Kamran

हाइलाइट

  • इजरायल और हमास के बीच चल रहे युद्ध पर दुनिया की नजर है.
  • हमास ने 7 अक्टूबर को इजरायल के सीमावर्ती शहर पर हमला किया था.
  • इजरायल के गाजा पट्टी में हमलो में करीब 12700 लोग मारे जा चुके हैं.

Israel-Hamas Deal : इजरायल और हमास के बीच चल रहे युद्ध पर दुनिया की नजर है. गाजा पट्टी पर इजरायली हमले में नागरिकों की मौत और तबाही को देखकर दुनिया के भर के देश दो धड़ों में बंटे हुए हैं. कुछ इजरायल का समर्थन कर रहे हैं और कुछ देश फिलिस्तीन का. हमास ने 7 अक्टूबर 2023 को इजरायल के सीमावर्ती शहर पर हमला कर दिया था ,जिसमें करीब 1200 लोग मारे गए थे और हमास ने 200 से अधिक इजरायली नागरिकों को बंधक बना लिया था. दूसरे दिन से इजरायल ने इसके जबाव में गाजा पट्टी में हमले शुरू कर दिए थे.

इसके बाद इजरायल ने कहा था कि वह हमास को खत्म कर देगा. साथ ही इजरायल ने अपने नागरिकों को रिहा कराने की कसम खाई थी. इसके बाद से करीब एक महीने से हमास पर इजरायल हमले कर रहा है. तभी से दोनों के बीच युद्धविराम को लेकर प्रयास भी चल रहे थे जो हफ्तों की मशक्कत को बाद एक डील के तहत संभव होने जा रहा है, लेकिन इस डील में क्या शर्तें हैं, इन पर इजरायल राजी कैसे हुआ और इसमें हमास को क्या मिलेगा?  इसके बारे में हम समझने का प्रयास करते हैं. 

बंधकों के बदले फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई
इजरायल और हमास के युद्ध के बीच युद्धविराम होने पर हमास द्वारा बनाए गए बंधकों को छोड़ने के बदले में इजरायल कुछ फिलिस्तीनियों को जेल से रिहा करेगा. जहां इस डील के लिए अमेरिका के अलावा कतर जैसे देश हफ्तों से चर्चा परिचर्चा कर रहे थे और यह पहला बड़ा कदम होगा जब युद्ध में किसी तरह का रोकटोक जैसा कुछ देखने को मिलेगा.

बढ़ती मौतों का सिलसिला
हमास के हमले में इजरायल के 1200 से अधिक लोग मारे गए थे. उसके बाद से इजरायल के हमलो में करीब 12700 लोग मारे जा चुके हैं. फिलिस्तीन में  भोजन, दवाइयों और ईंधन , पीनी की कमी के चलते लाखों फिलिस्तीनी शरण मांग रहे हैं. जबकि इजरायल के गाजा के अंदर अस्पतालों पर हुए हमलों की दुनिया में तीखी आलोचना भी हुई है.

दोनों के बीच किन शर्तों पर बनी बात 
हमास और इजरायल के बीच आखिर डील क्या हुई है. इस डील को कराने में अहम भूमिका निभाने वाले कतर के मुताबिक इस समझौते या डील के तहत हमास इजरायल के 50 महिलाओं सहित बच्चे बंधकों को छोड़ेगा. इसके बदले में इजरायल गाजा में कुछ समय के लिए मानवीय आधार पर युद्ध विराम देगा और कुछ फिलिस्तीनी कैदियों को भी छोड़ेगा.

हमास ने अपने बयान में क्या कहा? 
कतर के बयान के बाद हमास ने अपना बयान जारी कर कहा कि वह बंधक बनाए गए 150 महिलाओं और बच्चों को छोड़ेगा. इससे गाजा में मदद के तौर पर ईंधन, चिकित्सकीय आपूर्ति और राहत सामग्री के तहत सैकड़ों ट्रकों को गाजा में जाने की अनुमति मिलेगी. गाजा में मानवीय सहायता पहुंचाने की मांग बहुत लंबे समय से संयुक्त राष्ट्र भी कर रहा था.

समझौते पर इजरायल का अलग कदम क्या होगा ?
इजरायल ने अपने बयान में कहा कि वह युद्ध को चार दिनों के लिए रोक देगा, लेकिन हो सकता है कि यह विराम कुछ लंबा हो जाए क्योंकि हर 10 अतिरिक्त बंधकों की रिहाई के बदले में इजरायल इसे एक दिन बढ़ा देगा. ऐसा दस दिन तक चलेगा, लेकिन इजरायली अधिकारियों का मानना है कि यह इतना लंबा नहीं होगा. वहीं उनका यह भी कहना है कि शुक्रवार से पहले  बंधक नहीं छूट सकेंगे. इस डील पर अमल भी शुक्रवार से पहले नहीं होगा.

इजरायल के रुख में दिखा बदलाव
ऐसा माना जा रहा है कि बंधक मिस्र के जरिए छोड़े जाएंगे. लेकिन यह समझना भी जरूरी है कि आखिर इजरायल जो पहले इस तरह के समझौते के लिए बिलुकल तैयार नहीं लग रहा था, वह कैसे मान गया. यहां गौर करना जरूरी है कि युद्ध की शुरुआत में ही इजरायल ने कहा था कि वह हमास पर हर जगह हमला करेगा और इसकी वह कभी परवाह नहीं करेगा कि इससे उसके बंधक नागरिकों पर भी कुछ असर हो सकता है.

पहले और अब में क्या दिखा फर्क
एक महीने पहले और आज के हालात को देखें तो इजरायल के रुख में बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है. इजरायल टाइम्स के अनुसार अब बंधकों के परिवार जनों से कहा जा रहा है कि बंधकों की रिहाई युद्ध की पहली प्राथमिकता है. अब इजरायल खुले तौर पर कहने भी लगा है कि बंधकों की जल्द से जल्द रिहाई जरूरी है. सोच में यही बदलाव इजरायल के डील के लिए मान जाने का प्रमुख कारण है. इजरायल की कैबिनेट ने भी इस डील का 35-3 से समर्थन किया है.

इस डील से इजरायल को भी फायदा होने की बात कही जा रही है. माना जा रहा है कि इससे इजरायल को राजनैतिक फायदा होगा और उस पर पड़ने वाला अंतरराष्ट्रीय दबाव कम होगा. खास कर जिस तरह से गाजा के नागरिकों के समर्थन में अरब और दुनिया के अंन्य देश लामबंद हो रहे हैं उनके सुर ठंडे पड़ेंगे और इजरायल को अब हमास पर और कार्रवाई करने का “मौका या छूट” मिल सकेगा. इतना नहीं ही इससे डील से युद्ध को खत्म करने के तरराष्ट्रीय प्रयासों को भी बल मिलेगा.

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23 November 2023, 02:58 PM IST

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