जवानी उम्र का वो पड़ाव से जिससे कोई भी इंसान फिलसना नहीं चाहता. बुढ़ापे से सभी को डर लगाता है इसलिए लोग हमेशा जवान बने रहना चाहते हैं. इंसान कभी बूढ़ा न हो इसके लिए चीनी वैज्ञानिकों ने एक खास तरह की थैरेपी विकसित की है, जिसको हाइड्रोजन थेरेपी (Hydrogen Therapy) कहते हैं. इस थेरेपी से बढ़ती उम्र थम जाएगी और आप हमेशा जवान रहेंगे. चीनी वैज्ञानिकों के इस रिसर्च का मकसद न केवल शरीर में उम्र से जुड़े बदलावों को बदलना है, बल्कि अल्जाइमर जैसी बीमारियों को रोकना भी है, क्योकि यह बीमारी बढ़ती उम्र के साथ आती है. इस कमाल की बात सुनकर आपके दिमाग में एक सवाल तो आता होगा कि आखिर ये हाइड्रोजन थेरेपी क्या है? आज हम बात इसके बारे में बात करेंगे.
इसमें हाइड्रोजन, सबसे हल्का और सरल रासायनिक तत्व, ज्यादातर आणविक हाइड्रोजन गैस या H2 के रूप में मौजूद होता है. H2 थेरेपी में, हाइड्रोजन गैस को अंदर लिया जा सकता है या हाइड्रोजन में घुले पानी का सेवन किया जा सकता है. साइंस डायरेक्ट के अनुसार, हाइड्रोजन ग्रहण करने के अन्य तरीकों में H2-घुलनशील सेलाइन लेना, H2 स्नान करना, या H2-घुलित सेलाइन को आंखों में डालना शामिल है.
हाइड्रोजन थेरेपी के कई फायदे हैं. इसमें मॉलिक्यूलर हाइड्रोजन गैस (H2) या हाइड्रोजन-डिसोल्वड पानी का उपयोग शामिल है. 2007 से पहले के अध्ययन में हाइड्रोजन गैस के चिकित्सीय प्रभावों के बारे में बताते हैं. इसकी मदद से ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को दूर किया जा सकता है. साथ ही जीन एक्सप्रेशन को भी रेगुलेट किया जा सकता है. हाइड्रोजन को इसके सूजन-रोधी गुणों और न्यूरोडीजेनेरेटिव डिसऑर्डर, हृदय रोग, डायबिटीज और कैंसर सहित अलग-अलग स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने में भूमिका निभाता है.
फिलहाल वैज्ञानिकों ने यह प्रयोग चूहों पर किया है. इस हाइड्रोजन-रिलीजिंग मेथड के उपयोग से हड्डी के डिफेक्ट की मरम्मत की जा सकती है. मुख्य रूप से इसे बुजुर्गों में हड्डियों की समस्याओं को ठीक करने के लिए डिजाइन किया गया है. अल्जाइमर सहित कई बढ़ती उम्र से जुड़ी बीमारियों के इलाज में इसकी मदद ली जाती है.
शंघाई जिआओ तोंग यूनिवर्सिटी के संवाददाता लेखक ही कियानजुन का कहना है कि इस पद्धति के द्वारा बूढ़े लोगों में हड्डियों के विकारों का इलाज किया जा सकता है. साउथ चाइना पोस्ट को उन्होंने बताया कि एक दिन यह ढलती उम्र संबंधी अन्य समस्याओं को सुलझाने में भी मददगार होगी, जिसमें अल्जाइमर जैसे रोग शामिल हैं.
कोशिकाओं के स्तर पर बूढ़े होने की प्रक्रिया डीएनए की हानि और इसके साथ कोशिकाओं के विभाजन और वृद्धि जैसे कोशिका चक्र क्रियाओं को होने वाले नुकासन के लिए जिम्मेदार होती है. कोशिकाएं ऐसे पदार्थ पैदा करती हैं, जिनसे सूजन आदि हो सकता है, जो बूढ़े होने की प्रक्रिया के लिए सूक्ष्म वातावरण बनाते हैं. इनसे ऊतकों और हड्डियों में खुद को ठीक करने की क्षमता भी कम होती है.
शोधकर्ताओं ने पाया कि हाइड्रोजन बूढ़े होने की प्रक्रिया के लिए सूक्ष्म वातावरण को बदलने में सक्षम है जो प्रो इन्फ्लेमेशन से एंटी इन्फ्लेमेशन में बदल देगा जिससे हड्डियों के विकार के पुनर्निर्माण में सहयोग मिलेगा. यह उपकरण कैल्शियम आयन और हाइड्रोजन गैस का स्कैफोल्ड होगा, जिसका सुरक्षित प्रत्यारोपण किया जा सकता है. यह शरीर के अंदर जाकर सात से 9 दिन तक हाइड्रोजन छोड़ सकता है. शोधकर्ता इस अवधि को और लंबा करने का प्रयास कर रहे हैं. First Updated : Monday, 18 December 2023