Explainer: आखिर क्यों बार- बार आ रहे भूकंप, कैसी मापी जाती है इसकी तीव्रता
Earthquake: साल 2023 के आंकड़े को मुताबिक इस वर्ष कई बार भूंकप के झटके महसूस किए गए हैं. यहीं नहीं इन भूकंपों की वजह से जनहानि भी हुई है.
Earthquake: साल 2023 के आंकड़े को मुताबिक इस वर्ष कई बार भूंकप के झटके महसूस किए गए हैं. यहीं नहीं इन भूकंपों की वजह से जनहानि भी हुई है. हाल ही में आज दिल्ली NCR समेत कई राज्यों में भूकंप के झटके महसूस हुए हैं. रिपोर्ट के मुताबिक साल 2023 में भूकंप के कई कई लोगों को अपनी जान भी गवानी पड़ी है.
वहीं घायलों की संख्या में काफी इजाफा देखने को मिला है. तो आज हम आइए जानते हैं कि भूकंप आने का असली वजह क्या है और अगर भूकंप आया है तो इसकी तीव्रता कैसे और किस उपकरण के माध्यम से नापते हैं.
आखिर क्यों आते हैं भूंकप
जमीन के अंदर मौजूद प्लेटों के आपस में टकराने के चलते धरती कंपन होती है. भू- विज्ञान के जानकार बतातें है कि हमारी धरती 12 टैक्टोनिक प्लेटों पर स्थित है. इन प्लेटों के टकराने पर जो ऊर्जा निकलती है. उसे भूकंप (Earthquake) कहा जाता है. मिली जानकारी के मुताबिक धरती के अंदर उपस्थित ये प्लेटें बेहद धीमी रफ्तार से धूमती रहती हैं.
साल 2024 में पहली बार भूकंप कब आया
साल 2024 में 11 जनवरी गुरुवार के दिन दिल्ली NCR, पंजाब, हरियाणा सहित चंड़ीगढ़ और जम्मू कश्मीर में एक बार फिर से भूंकप के झटके महसूस किए गए हैं. भूंकप के इस झटके से काफी देर तक धरती कापती रही. भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान के फैजाबाद में था और हिंदुकुश क्षेत्र में रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 6.2 रही. भूकंप के झटके दोपहर के दो बजकर 50 मिनट पर महसूस किए गए.
कैसे मापी जाती है तीव्रता
भूकंप की तीव्रता और समय पता करने के लिए सिस्मोग्राफ का उपयोग होता है. इस डिवाइस के माध्यम से धरती के अंदर होने वाली हलचल का ग्राफ बनाया जाता है. इस सिस्सोग्राफ कहते हैं. इसी के आधार पर रिक्टर पैमाना के माध्यम से भूकंप की तरंगों की तीव्रता, भूकंप का केंद्र और ऊर्जा का पता लगाया जाता है.
भूकंप आने पर सिस्मोग्राफ के कुछ हिस्से नहीं हिलते, लेकिन दूसरे हिस्से में कंपन शुरू हो जाता हैं. भूकंप की तीव्रता को रिकॉर्ड करने वाला हिस्सा हिलता नहीं है. जिससे भूकंप की सही जानकारी प्राप्त करने में सहायक होता है. यानी कहने का मतलब है कि झटके मापने वाली मशीन को सिस्मोमीटर कहा जाता है.