Explainer: भारत में अनेक प्रकार के कानून लागू किए गए हैं जहां एक तरफ पुरुषों के लिए कानूनी अधिकार बनाए गए हैं तो वहीं महिलाओं की सुरक्षा के लिए कानूनी अधिकार लागू किए गए हैं. जैसा कि आप लोग जानते ही है कि आज के समय में महिलाएं पुरुषों से आगे निकल कर अपने जीवन में सफलताएँ प्राप्त कर रही हैं.
लेकिन महिलाओं को रोकने के लिए घर वाले और बाहर वाले सभी लोग महिलाओं को परेशान करते हैं और उन्हें गे बढ़ने से रोकने की पूरी कोशिश करते हैं. इस तरह की घटनाओं को देखन के बाद भारत में महिलाओं के लिए कई जरूरी कानूनी अधिकार लागू हैं. जिन्हें हर महिला को पता होना बेहद जरूरी है.
यदि आपके परिवार वाले या आपके ससुराल वाले या आपका पति आप पर घरेलू हिंसा करता है तो आपके पास उसके खिलाफ पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करने का पूरा अधिकार है. भारतीय संविधान की धारा 498 के अनुसार पत्नी महिला जो लिव –इन पार्टनर के साथ रहती है या किसी भी घर में रहने वाली महिला जिसे घरेलू हिंसा झेलनी पड़ रही है उसे यह कानून रूप से अधिकार मिलता है. यदि वह अपने परिवार वालों से दुखी हैं जो पुलिस स्टेशन जाकर इस मामले को दर्ज करा सकती हैं. केस होने पर आरोपी को 3 साल कारावास और जुर्माना भरना पड़ता है.
महिलाओं को गिरफ्तार करने के लिए भारत में कुछ नियम कानून लागू किए गए हैं जिनका पालन करना काफी आवश्क है. भारतीय नागरिक प्रक्रिया संहिता के अनुसार यदि किसी महिला आरोपी को सूर्यास्त यानी शाम 6 बजे के बाद या सूर्यादय यानी सुबह 6 बजे से पहले यदि गिरफ्तार कर लिया जाता है तो यह कानून के खिलाफ होगा. साथ ही धारा 160 के अनुसार अगर किसी महिला से पूछताछ भी करनी है तो उसके लिए एक महिला कांस्टेबल या महिला के परिवार के सदस्यों की मौजूदगी होना जरूरी है.
आप ने देखा होगा दहेज के मामले भारत में सबसे ज्यादा देखने को मिलते हैं. यदि लड़की का परिवार गरीब है और वह दहेज नहीं दे पा रहे हैं ससुराल वाले बहु को जलाकर मार डालते हैं इस तरह के मामले आज भी कई जगहों पर होते हैं. जिसके चलते महिलाओं को जिंदा जला दिया जाता है या उनका खून कर दिया जाता है.
भारत में हर रोज दहेज के लगातार मामले सामने आते रहते हैं. अधिकतर ससुराल वाले महिलाओं के साथ दहेज के लिए मारपीट करते हैं और बार-बार जुल्म करते हैं. आप इसके खिलाफ देहज प्रतिषेध अधिनियम के अनुसार शिकायत दर्ज कर सकती हैं. इससे परिवार वालों को जेल होने के साथ-साथ भारी जुर्माना भी देना पड़ता है.
आज के समय में महिलाओं के साथ हो रहे अत्याचारों के मामले रुकने का नाम ही नहीं ले रहे हैं. हर रोज महिलाओं पर जुल्म कर मामले दर्ज किए जाते हैं, न जाने कितनी महिलाएं अत्याचार की शिकार हो चुकी है. यदि आपके साथ बलात्कार किया गया है तो हर महिला को मुफ्त कानूनी मदद पाने का पूरा अधिकार है. स्टेशन हाउस आफिसर के लिए ये जरूरी है कि वो विधिक सेवा प्राधिकरण को वकील की व्यवस्था करने के लिए सूचित करें. First Updated : Saturday, 16 December 2023