Explainer: भारत में आज का दिन काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. आज के ही दिन से महिला प्रधानमंत्री बनने की परंपरा शुरू की गई थी. तभी से लेकर आज तक महिलाओं को प्रधानमंत्री बनाया जाता है. भारत के इतिहास में 19 जनवरी की तारीख एक खास अहमियत रखती है.
1966 में 19 जनवरी को यह तय हो गया था कि देश को इंदिरा गांधी के रूप में पहली महिला प्रधानमंत्री मिलने जा रही है. दरअसल, ताशकंद में 11 जनवरी 1966 को देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री का निधन हो गया था. इसके बाद फौरी तौर पर गुलजारीलाल नंदा को कार्यवाहक प्रधानमंत्री बना दिया गया और अगले प्रधानमंत्री की तलाश तेज कर दी गई.
उस समय में इस पद के दो दावेदार उभरकर सामने आए थे. कांग्रेस के सीनियर लीटर मोरारजी देसाई और देश के पहले प्रधानमंत्री की बेटी इंदिरा गांधी, इसके बाद 11 जनवरी को 1966 को लाल बहादुर शास्त्री की मौत के बाद गुलजारीलाल नंदा को जब कार्यवाहक प्रधानमंत्री चुना गया.
उनके मन में भी देश का नेतृत्व करने की आकांक्षा जाग उठी, वह इंदिरा के पास प्रधानमंत्री पद की इच्छा लेकर भी गए, लेकिन उन्होंने कह दिया कि यदि बाकी लोग आपका समर्थन करेंगे तो मैं भी करूंगी. नंदा तुंरत इंदिरा का इशारा समझ गए और पीछे हट गए, कुछ और नेता जो इस पद की आस में थे उन्होंने भी अपने कदम पीछे खींच लिए थे.
इंदिरा गांधी ने 24 जनवरी को देश की पहली महिला प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ली, इसके बाद वह जनता सरकार के 2 साल के कार्यकाल को छोड़कर 31 अक्टूबर 1984 तक प्रधानमंत्री रहीं, 31 अक्टूबर 1984 को उनके ही अंगरक्षकों ने उनकी हत्या कर दी थी. इंदिरा एक बेहद सख्त प्रधानमंत्री के रूप में जानी जाती थी. उन्होंने रजवाड़े के प्रिवी पर्स को खत्म करने, बैंकों के राष्ट्रीयकरण समेत कई बड़े कदम उठाए थे. वहीं, 1971 में पाकिस्तान के दो टुकड़े होने और बांग्लदेश के दुनिया के नक्शे पर आने में भी इंदिरा ने नेतृत्व का बहुत योगदान था. First Updated : Friday, 19 January 2024