कैग रिपोर्ट पर BJP-AAP में घमासान, घोटाले के आरोपों पर तीखी बहस!

दिल्ली की शराब नीति पर लीक हुई कथित कैग रिपोर्ट ने नया बवाल खड़ा कर दिया है। भाजपा ने इसे घोटाले का सबूत बताया, जबकि आप ने रिपोर्ट की प्रामाणिकता पर सवाल उठाए। 2026 करोड़ रुपये के नुकसान के आरोप और चुनावी माहौल में बढ़ती सियासी गर्मी ने जनता को उलझन में डाल दिया है। पूरा मामला जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर!

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New Delhi: दिल्ली की विवादास्पद शराब नीति पर नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (कैग) की कथित रिपोर्ट ने राजनीतिक गलियारों में भूचाल ला दिया है। भाजपा ने इस रिपोर्ट के आधार पर दिल्ली सरकार और आम आदमी पार्टी (आप) पर तीखा हमला बोला है, जबकि आप ने इस रिपोर्ट की प्रामाणिकता पर ही सवाल उठा दिए हैं।

आप नेता संजय सिंह का तंज

आप सांसद संजय सिंह ने भाजपा पर तीखा पलटवार करते हुए पूछा, "कैग रिपोर्ट कहां है? क्या यह भाजपा कार्यालय में तैयार की गई है?" उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा इस मामले पर भ्रम फैला रही है। संजय सिंह ने कहा कि भाजपा डरी हुई है और मानसिक रूप से अस्थिर हो गई है।

भाजपा के आरोप: घोटाले और कुप्रबंधन की कहानी

भाजपा ने कथित रिपोर्ट के निष्कर्षों को आधार बनाकर आप सरकार पर बड़े घोटाले और कुप्रबंधन का आरोप लगाया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली सरकार की शराब नीति के कारण राज्य को 2,026 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ। इसमें 890 करोड़ रुपये खुदरा शराब लाइसेंसों को फिर से टेंडर न करने और 941 करोड़ रुपये क्षेत्रीय लाइसेंसधारियों को दी गई छूट के कारण नुकसान हुआ।

भाजपा नेता अनुराग ठाकुर ने कहा, "अगर उनकी नीतियां इतनी अच्छी थीं तो आप डरे हुए क्यों हैं? दिल्ली की जनता अब आप सरकार से मुक्ति चाहती है।"

कैग रिपोर्ट की प्रामाणिकता पर बहस

कैग रिपोर्ट को अभी तक आधिकारिक तौर पर जारी नहीं किया गया है, लेकिन इसके कुछ कथित हिस्से लीक हो चुके हैं। रिपोर्ट में यह भी आरोप लगाया गया है कि दिल्ली सरकार ने उपराज्यपाल, कैबिनेट और विधानसभा से जरूरी मंजूरी के बिना शराब नीति लागू की। मनीष सिसोदिया के नेतृत्व वाले मंत्रियों के समूह (जीओएम) पर विशेषज्ञ पैनल की सिफारिशों को नजरअंदाज करने का भी आरोप लगाया गया है।

कांग्रेस ने भी साधा निशाना

भाजपा के साथ कांग्रेस ने भी इस मुद्दे पर आम आदमी पार्टी पर निशाना साधा है। दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने विधानसभा में रिपोर्ट पेश करने में देरी पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह भाजपा और आप के बीच मिलीभगत का संकेत हो सकता है। कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने इस नीति को "सीधा घोटाला" बताते हुए केजरीवाल सरकार पर जनता के पैसे की बर्बादी का आरोप लगाया।

चुनाव से पहले विवाद और गहराया

यह विवाद ऐसे समय में सामने आया है जब 5 फरवरी को दिल्ली विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। भाजपा, आप और कांग्रेस, तीनों ही इस रिपोर्ट को अपने-अपने पक्ष में भुनाने की कोशिश कर रही हैं। हालांकि, रिपोर्ट की आधिकारिक स्थिति को लेकर स्थिति अभी तक साफ नहीं है।

क्या है जनता का सवाल?

इस पूरे मामले में सबसे बड़ा सवाल यह है कि कैग रिपोर्ट का अंतिम सच क्या है? क्या वाकई शराब नीति में घोटाला हुआ है या यह केवल राजनीतिक बयानबाजी है? दिल्ली की जनता को इस सवाल का जवाब चुनाव से पहले मिलना चाहिए। First Updated : Saturday, 11 January 2025