गाय के गोबर का निर्यात: भारत के लिए सोने की खान है गाय का गोबर, अरब देशों और चीन में भारी मांग
क्या आपने कभी सोचा है कि गाय के गोबर से भी करोड़ों रुपये कमाए जा सकते हैं? भारत अब अपने गोबर को विदेशों में निर्यात करके भारी कमाई कर रहा है! 2023-24 में भारत ने करीब 386 करोड़ रुपये का गोबर निर्यात किया, जिसमें मालदीव, अमेरिका और चीन जैसे देशों का बड़ा योगदान है। लेकिन ये गोबर सिर्फ खेती के लिए ही नहीं, बल्कि अरब देशों में खजूर की पैदावार बढ़ाने के लिए भी इस्तेमाल हो रहा है। जानिए कैसे गाय के गोबर का यह "सोने जैसा" कारोबार भारत के लिए एक नई उम्मीद लेकर आया है! जानिए कैसे भारत गाय के गोबर से अरबों का व्यापार कर रहा है और इसे विदेशों में भेजकर फायदा उठा रहा है।
Export of cow dung: भारत में गाय का गोबर हमेशा से एक महत्वपूर्ण संसाधन रहा है। हमारे देश में इसे उर्वरक के रूप में इस्तेमाल किया जाता है, साथ ही धार्मिक महत्व भी है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि गाय के गोबर की मांग अब विदेशों में भी तेजी से बढ़ रही है? भारत अब इस गोबर का निर्यात करके लाखों डॉलर कमा रहा है। तो आइए, जानते हैं कि गाय के गोबर के इस खास कारोबार के बारे में और किस तरह भारत इसे विदेशों में भेज रहा है।
गाय का गोबर: भारत के लिए सोने से भी कीमती
भारत में सदियों से गायों की पूजा होती रही है और उनके दूध का उपयोग भी खूब किया जाता रहा है, लेकिन अब गाय का गोबर भी कमाई का एक बड़ा जरिया बन चुका है। 2023-24 में भारत ने गाय का गोबर निर्यात करके 386 करोड़ रुपये की कमाई की। यह आंकड़ा किसी छोटे-मोटे व्यापार का नहीं, बल्कि एक बड़े पैमाने पर हुए निर्यात का है।
गाय का गोबर किसे चाहिए?
भारत से गाय का गोबर खरीदने वाले देशों में मालदीव सबसे ऊपर है। इसके बाद अमेरिका, सिंगापुर, चीन और नेपाल जैसे देश भी गाय के गोबर के प्रमुख ग्राहक हैं। ये देश भारत से गाय के गोबर को बड़ी मात्रा में मंगवाते हैं और इसका इस्तेमाल कृषि कार्यों के लिए करते हैं।
गोबर का विदेशों में इस्तेमाल
गाय के गोबर का इस्तेमाल न केवल उर्वरक के रूप में होता है, बल्कि इसे विभिन्न कृषि उत्पादों में भी उपयोग किया जाता है। अरब देशों में खासकर खजूर की खेती के लिए गाय के गोबर का पाउडर उपयोग किया जाता है। वहां के किसान भारत से गोबर का पाउडर मंगवाकर ताड़ के पेड़ की जड़ों में डालते हैं, जिससे खजूर की पैदावार में बढ़ोतरी होती है।
भारत के लिए बढ़ती अवसरों की दुनिया
भारत के लिए यह एक बेहतरीन अवसर है, क्योंकि अब गाय का गोबर केवल स्थानीय उपयोग तक सीमित नहीं है, बल्कि यह विदेशों में भी एक बड़ा व्यापार बन चुका है। आने वाले समय में भारत और अधिक देशों को गाय का गोबर निर्यात करके अपनी कृषि आधारित अर्थव्यवस्था को और मजबूती दे सकता है।
इस व्यापार के बढ़ने से भारतीय किसान भी फायदा उठा रहे हैं, क्योंकि गाय का गोबर अब न केवल खेतों में काम आता है, बल्कि यह किसानों की आय में भी बढ़ोतरी कर रहा है।
निर्यात में वृद्धि, किसानों के लिए नए अवसर
भारत के लिए गाय के गोबर का निर्यात न केवल आर्थिक दृष्टिकोण से लाभकारी है, बल्कि यह देश के कृषि उत्पादों और किसानों को भी एक नई दिशा दे रहा है। अब गाय का गोबर न केवल देश के भीतर, बल्कि विदेशों में भी भारत की पहचान बना चुका है। आखिरकार, भारत में जहां गाय के गोबर को उर्वरक के रूप में इस्तेमाल किया जाता है, वहीं अब यह भारत को एक बड़ी कमाई का जरिया भी बन गया है। अब यह सच साबित हो रहा है कि गाय का गोबर वास्तव में भारत के लिए सोने की खान है!