S Jaishankar In UN Assembly: केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र को संबोधित किया. 'नमस्ते फ्रॉम भारत" से उन्होंने अपने संबोधन की शुरुआत की. इस दौरान विदेश मंत्री ने कहा कि विश्व इस वक्त उथल-पुथल का असाधारण दौर देख रहा है. कूटनीति और बातचीत से ही तनाव घट सकते हैं.
अपने संबोधन में एस जयशंकर ने आगे कहा कि भारत का 'एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य' का दृष्टिकोण केवल कुछ लोगों के हितों पर नहीं, बल्कि कई लोगों की प्रमुख चिंताओं पर ध्यान केंद्रित करने की कोशिश करता है. उन्होंने कहा कि जब हम अग्रणी शक्ति बनने की चाहत रखते हैं तो ये आत्म-प्रशंसा के लिए नहीं, बल्कि बड़ी जिम्मेदारी उठाने और अधिक योगदान करने के लिए होती है. अब वे दिन खत्म हो गए, जब कुछ देश एजेंडा तय करते थे और उम्मीद करते थे कि दूसरे भी उनके साथ आ जाएंगे.
अब हम विश्व मित्र के युग में विकसित हो रहे हैं
विदेश मंत्री ने अपने भाषण में कहा कि गुटनिरपेक्षता के युग से, हम अब विश्व मित्र (दुनिया के लिए एक मित्र) के युग में विकसित हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि जी20 में अफ्रीकी संघ के शामिल होने से संयुक्त राष्ट्र को सुरक्षा परिषद को भी समसामयिक बनाने की प्रेरणा मिलनी चाहिए. जी20 में अफ्रीकी संघ को शामिल किये जाने से संयुक्त राष्ट्र को भी सुरक्षा परिषद को समसामयिक बनाने की प्रेरणा मिलनी चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि हमें सबसे कमजोर लोगों पर ध्यान केंद्रित करनी चाहिए. हमने वैश्विक दक्षिण पर ध्यान केंद्रित करके इसकी शुरुआत की. जी20 में अफ्रीकी संघ को स्थायी सदस्य के रूप में शामिल किया गया.
चीन और पाकिस्तान पर विदेश मंत्री ने साधा निशाना
अपने भाषण में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने भाषण के दौरान परोक्ष रूप से चीन और पाकिस्तान पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा, ''बाजार की शक्ति का इस्तेमाल भोजन और ऊर्जा को जरूरतमंदों से अमीरों तक पहुंचाने के लिए नहीं किया जाना चाहिए, न ही हमें इसका समर्थन करना चाहिए कि राजनीतिक सुविधा आतंकवाद, उग्रवाद और हिंसा प्रतिक्रियाएं निर्धारित करे. First Updated : Tuesday, 26 September 2023