External Affairs Minister S Jaishankar On UN Security Council: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) को लेकर विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने एक बड़ा बयान दिया है. रविवार, (17 दिसंबर) को बेंगलुरु में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की तुलना एक पुराने क्लब से करते हुए कहा कि सुरक्षा परिषद अधिक सदस्य देशों को शामिल करने को लेकर इच्छुक नहीं है. सुरक्षा परिषद एक पुराने क्लब की तरह है, जहां ऐसे सेट सदस्य हैं जो अपनी पकड़ छोड़ना नहीं चाहते हैं. वे क्लब पर नियंत्रण रखना चाहते हैं.
विदेश मंत्री ने आगे कहा कि विशेष रूप से, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद, जिसकी अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए प्राथमिक जिम्मेदारी है, जिसमें केवल पांच स्थायी राष्ट्र फ्रांस, चीन, रूस, ब्रिटेन और अमेरिका शामिल हैं.
राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद पर कटाक्ष करते हुए, जयशंकर ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र विफल हो रहा है और कम प्रभावी हो रहा है क्योंकि इज़राइल-हमास युद्ध सहित कई प्रमुख मुद्दों पर यह कोई आम सहमति हासिल करने में बिलकुल ही विफल रहा है. "एक तरह से, यह मानवीय विफलता है. लेकिन मुझे लगता है कि आज यह दुनिया को नुकसान पहुंचा रहा है, क्योंकि दुनिया के सामने आने वाले प्रमुख मुद्दों पर संयुक्त राष्ट्र कम से कम प्रभावी होता जा रहा है.
विदेश मंत्री ने आगे कहा कि आज, यदि आप दुनिया के 200 देशों से पूछें, क्या आप सुधार चाहते हैं या आप सुधार नहीं चाहते हैं? तो बहुत बड़ी संख्या में देश कहेंगे, हाँ, हम सुधार चाहते हैं.'' मंत्री ने पहले संयुक्त राष्ट्र से आधुनिक दुनिया में प्रासंगिक बने रहने के लिए सुधार करने का आह्वान किया था और कहा था कि यह मुद्दा "अनिश्चित" और "निर्विरोध" नहीं रह सकता है.
न्यूयॉर्क में 78वें यूएनजीए को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ''हमारे विचार-विमर्श में हम अक्सर नियम-आधारित आदेश को बढ़ावा देने की वकालत करते हैं. समय-समय पर संयुक्त राष्ट्र चार्टर का सम्मान भी शामिल होता है. अभी भी कुछ राष्ट्र हैं जो एजेंडा को आकार देते हैं और मानदंडों को परिभाषित करना चाहते हैं. यह अनिश्चित काल तक नहीं चल सकता है और न ही इसे चुनौती दी जा सकती है. एक निष्पक्ष, न्यायसंगत और लोकतांत्रिक व्यवस्था निश्चित रूप से सामने आएगी जब हम सभी इस पर ध्यान देंगे. First Updated : Sunday, 17 December 2023