Extortion Case Against Nirmala Sitharaman: बेंगलुरु की पीपुल्स रिप्रेजेंटेटिव कोर्ट ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के खिलाफ कथित चुनावी बॉन्ड से जुड़ी जबरन वसूली के मामले में FIR दर्ज करने का आदेश दिया है. यह आदेश जनाधिकार संघर्ष परिषद (JSP) के आदर्श अय्यर द्वारा अदालत में की गई शिकायत पर आया है. अय्यर ने सीतारमण के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की थी. उन्होंने आरोप लगाया है कि चुनावी बॉन्ड के माध्यम से जबरन वसूली की गई थी.
फरवरी में सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड योजना को असंवैधानिक बताते हुए रद्द कर दिया था. अदालत ने कहा था कि यह योजना नागरिकों के सूचना के अधिकार का उल्लंघन करती है. बता दें केंद्र सरकार ने 2018 में यह योजना शुरू की थी. इसका उद्देश्य राजनीतिक फंडिंग में पारदर्शिता लाना था.
अप्रैल 2024 में जन अधिकार संघर्ष परिषद ने इसकी शिकायत की थी. इसमें केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, ED अधिकारियों के साथ जेपी नड्डा, भाजपा के राष्ट्रीय नेताओं, तत्कालीन भाजपा कर्नाटक अध्यक्ष नलिन कुमार कटील, बीवाई विजयेंद्र को भी आरोपों के घेरे में लिया गया था. शिकायत में दावा किया गया था कि अप्रैल 2019 से अगस्त 2022 तक लगभग 270 करोड़ रुपए चुनावी बॉन्ड के जरिए वसूले गए हैं.
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए निर्मला सीतारमण के इस्तीफे की मांग की. उन्होंने कहा कि इस मामले की रिपोर्ट तीन महीने के भीतर पेश की जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि वह एक केंद्रीय मंत्री हैं और उनके खिलाफ भी FIR दर्ज की गई है. चुनावी बॉन्ड के जरिये जबरन वसूली में उनका हाथ था और FIR इसी पर आधारित है. इस कारण उन्हें अपना इस्तीफा देना चाहिए.
सिद्धारमैया ने आगे कहा कि धारा 17A के तहत अब जांच पूरी कर तीन महीने के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी. इसके साथ ही उन्होंने जेडी(एस) नेता और केंद्रीय मंत्री एचडी कुमारस्वामी पर भी भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि कुमारस्वामी भी इस्तीफा दें. इतना ही नहीं वो यहीं नहीं रुके. उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को भी इस्तीफा देना चाहिए. चुनावी बॉन्ड उनका आइडिया था.