इंदौर की फैमिली कोर्ट का फैसला, पत्नी हर महीने 5 हजार रुपये पति को हर्जाना देगी

इंदौर में फैमिली कोर्ट ने एक पत्नी को हर महाने 5 हजार रुपये मुआवजे के रूप में पति को देने के लिए आदेश दिया है. कोर्ट के इस आदेश के बाद लोग चकित हैं.

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मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) की एक फैमली कोर्ट ने पति-पत्नी के मामले में एक ऐसा फैसला सुनाया है, जिसको सुनकर लोग हैरान हैं. आम तौर पर अदालतों के फैसलों में सुनने को मिलता है कि पत्नी को जिंदगी गुजारने और भरण-पोषण की जिम्मेदारी पति को उठानी होती है. इसके लिए पत्नी को हर महीने गुजारे-भत्ते के लिए रकम देनी होती है, लेकिन इंदौर में इसके ठीक उलट मामला देखने में आया है.

कोर्ट ने पत्नी को आदेश दिया है कि वह अपने पति को हर महीने पांच हजार रुपए दे, जिससे पति का भरण-पोषण हो सके. कोर्ट ने 23 साल के उज्जैन निवासी अमन के हक में यह फैसला सुनाया है. अमन ने दिसंबर 2023 में अपनी पत्नी नंदिनी (22) के खिलाफ केस दायर किया था और 2 महीने बाद अब फरवरी 2024 में कोर्ट ने उसके पक्ष में फैसला सुनाया है. 

पहले मोहब्बत हुई फिर शादी की 

अमन के वकील मनीष झरौला के मुताबिक साल 2020 में उनके मुवक्किल अमन की पहचान एक कॉमन फ्रैंड के जरिए नंदिनी (22) से हुई थी. दोनों की बातचीत आगे बढ़ी और नंदिनी ने अमन को प्रपोज किया. बाद में जुलाई 2021 में अमन और नंदिनी ने आर्य समाज मंदिर में शादी कर ली और दोनों लोग इंदौर में किराए के मकान में साथ रहने लगे.

कोर्ट ने किस कानून के तहत फैसला सुनाया? 

अमन के वकील मनीष झरौला ने बताया कि फैमिली कोर्ट ने हिंदू विवाह अधिनियम (Hindu Marriage Act, 1955) की धारा 24 के तहत यह फैसला सुनाया है. 
 

नंदिनी ने कोर्ट से क्या कहा? 

अमन की पत्नी नंदिनी ने अपने पति को हर महीने भत्ता देने में असमर्थता जताई और दावा किया कि वह बेरोजगार है. नंदिनी का खंडन करते हुए अमन ने अदालत को बताया कि जब वह नंदिनी को छोड़कर अपने माता-पिता के पास गया, तो उसने मेरे लिए गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई. उस वक्त उसने पुलिस को बताया था कि वह ब्यूटी पार्लर चलाती है. नंदिनी ने कोर्ट में दावा किया कि वह कोई काम नहीं कर रही है जबकि अमन कमाता है, लेकिन वह इसका कोई सबूत पेश नहीं कर सकी. इसलिए कोर्ट ने फैसला अमन के पक्ष में सुनाया. कोर्ट ने कहा कि अब अमन को नंदिनी के साथ नहीं रहना होगा और उसकी पत्नी से उसे हर महीने 5 हजार रुपए मिलेंगे. 

अमन ने पत्नी पर क्या आरोप लगाए? 

अमन ने कोर्ट में बताया कि मैं सिर्फ 12वीं पास हूं. मैंने कॉलेज में एडमिशन तो ले लिया था, लेकिन नंदिनी की वजह से मुझे अपनी पढ़ाई छोड़नी पड़ी, मैं बेरोजगार हूं. अमन के वकील ने बताया कि नंदिनी और उसके परिवार वालों ने अमन पर दबाव बनाकर जबरदस्ती उसके साथ शादी की थी और इसके बाद जब वो दोनों किराए के कमरे में रहते थे, तो नंदिनी उसका यौन उत्पीड़न कर रही थी. ऐसे में अमन ने कोर्ट से मांग की कि उसको भरण-पोषण भत्ता दिलवाया जाए. उसने यह भी बताया कि मैं इसी वजह से शादी नहीं करना चाहता था कि मेरी पढ़ाई पर इसका बुरा असर होगा. First Updated : Friday, 23 February 2024