Farmer Protest2.0: फिर दिल्ली चले किसान, Noida में महाजाम, जानें क्या है किसानों की नई डिमांड
किसान एक बार फिर दिल्ली कूच करने जा रहे हैं. दिल्ली-नोएडा बॉर्डर पर जाम की स्थिति बन गई है. गौतमबुद्ध नगर प्रशासन ने लोगों के लिए ट्रैफिक एडवाइजरी जारी की है.
संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में आज हजारों किसान नोएडा से दिल्ली कूच करने जा रहे हैं. किसान अपनी मांगों को लेकर दिल्ली में धरना प्रदर्शन करने वाले हैं. किसानों के ऐलान के बाद नोएडा और दिल्ली पुलिस अलर्ट हो गई है और बॉर्डर पर सतर्कता बरती जा रही है. कई जगहों पर बेरिकेड्स लगा दिए गए हैं. कई किसान नेताओं को नजरबंद किया जा रहा है. नोएडा से सटे सभी बॉर्डर पर बैरिकेटिंग की गई है. नोएडा और दिल्ली पुलिस ने समन्वय स्थापित किया है. मेट्रो के इस्तेमाल की सलाह दी गई है.
गौतमबुद्ध नगर पुलिस ने इस परिस्थिति को देखते हुए वाहन चालकों के लिए एडवाइजरी जारी की थी.गौतमबुद्ध नगर के पुलिस कमिश्नर की ओर से जारी इस एडवाइजरी में कहा गया कि दिल्ली बॉर्डर पर ट्रैफिक प्रेशर बढ़ने की स्थिति में कई सड़कों पर रूट डायवर्जन किया जाएगा. इस दौरान जाम एवं अन्य समस्याओं से बचने के लिए लोग मेट्रो सेवाओं का इस्तेमाल कर सकते हैं. पुलिस के मुताबिक यमुना एक्सप्रेस-वे से नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे के रास्ते दिल्ली की ओर जाने वाले तथा सिरसा से परीचौक के रास्ते सूरजपुर जाने वाले मार्ग पर भारी वाहनों का आवागमन बंद रहेगा.
किसानों और पुलिस के साथ हुई धक्का-मुक्की
वहीं दिल्ली पुलिस, गौतम बुद्ध नगर पुलिस, RAF और CRPF के जवान बड़ी संख्या में तैनात हैं. उधर, किसान महामाया फ्लाई ओवर से आगे बढ़ गए हैं. पुलिस बॉडरों पर तैनात है. बताया जा रहा है कि महामाया फ्लाई ओवर पर जब किसानों को रोकने की कोशिश की गई, तो पुलिस के साथ उनकी धक्का मुक्की भी हुई.
ये हैं किसानों की मांगे
- आंदोलन करने वाले किसान संगठन जमीन अधिग्रहण से प्रभावित किसानों को 10 फीसदी विकसित प्लॉट और नए भूमि अधिग्रहण कानून के लाभ देने की मांग उठा रहे हैं.
- किसानों की पांच मांगे हैं जिसमें पुराने अधिग्रहण कानून के तहत 10 प्रतिशत भूखंडों का आवंटन और 64.7 प्रतिशत बढ़ा हुआ मुआवजा दिया जाए.
- भूमिधर, भूमिहीन किसानों के बच्चों को रोजगार और पुनर्विकास के लाभ दिए जाएं.
- हाई पावर कमेटी की सिफारिशें लागू की जाएं.
- आबादी क्षेत्र का उचित निस्तारण किया जाए. ये सारे निर्णय शासन स्तर पर लिए जाने हैं.
- किसानों को रोजगार एवं पुनर्वास का लाभ दिया जाए.
- हाई पावर कमेटी द्वारा पारित मुद्दों पर शासनादेश जारी किया जाए और आबादी वाले क्षेत्रों का उचित बंदोबस्त किया जाए.
27 नवंबर को किसान ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी पर धरना दे रहे थे, जबकि 28 नवंबर से 1 दिसंबर तक यमुना अथॉरिटी पर धरना दे रहे थे. किसान मजदूर मोर्चा और संयुक्त किसान मोर्चा जैसे अन्य किसान समूह भी न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी जैसी मांगों के लिए दबाव डालते हुए 6 दिसंबर से मार्च आयोजित कर रहे हैं.
#WATCH | Noida, Uttar Pradesh: Massive traffic snarl at DND flyway as farmers from Uttar Pradesh are on a march towards Delhi starting today. pic.twitter.com/HPVgEiRQUV
— ANI (@ANI) December 2, 2024
ऐसे निकलेंगे वाहन
इन दोनों ही सड़कों पर किसी तरह के मालवाहक वाहनों की आवाजाही नहीं है. इसी प्रकार चिल्ला बॉर्डर से ग्रेटर-नोएडा की ओर जाने वाले वाहनों को सैक्टर 14ए फ्लाई ओवर से गोलचक्कर चौक सैक्टर 15 के रास्ते संदीप पेपर मिल चौक होते हुए झुण्डपुरा चौक से निकाला जा रहा है. इसी प्रकार डीएनडी बॉर्डर से दिल्ली की ओर जाने वाले वाहनों को फिल्मसिटी फ्लाईओवर से सैक्टर 18 एलीवेटेड के रास्ते निकाला जा रहा है. कालिन्दी बॉर्डर दिल्ली से नोएडा की ओर आने वाले वाहन महामाया फ्लाई ओवर के रास्ते सैक्टर 37 होते हुए गन्तव्य की ओर रवाना हो सकेंगे.
दिल्ली जाने का ये होगा रास्ता
ग्रेटर नोएडा से दिल्ली जाने वाले वाहनों को चरखा गोलचक्कर से कालिन्दी कुंज के रास्ते निकाला जाएगा. इसी प्रकार हाजीपुर अण्डरपास से कालिन्दी कुंज की ओर जा सकेंगे. वहीं सेक्टर 51 से सेक्टर 60 होते हुए मॉडल टाउन होकर भी दिल्ली जाने का रास्ता खुला रहेगा. पुलिस की एडवाइजरी के मुताबिक यमुना एक्सप्रेस-वे के रास्ते दिल्ली जाने वाला वाहनों को जेवर टोल से खुर्जा की ओर डायवर्ट किया जाएगा. ये वाहन जहांगीरपुर होकर आगे जाएंगे.
50 हजार से अधिक किसान
जानकारी के मुताबिक किसानों के इस दिल्ली मार्च में संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले 10 से अधिक किसान संगठन शामिल हो रहे हैं. इस दौरान मार्च में किसानों की संख्या 50 हजार से अधिक हो सकती है. किसानों का लक्ष्य संसद का घेराव करना है. इसके लिए किसान सोमवार को नोएडा के महामाया फ्लाईओवर के पास दोपहर 12 बजे तक एकत्र होंगे और यहीं से दिल्ली कूच करेंगे. फिलहाल यह सभी किसान बीते चार दिनों से यमुना प्राधिकरण के सामने धरने पर बैठे हैं.