Farmers Protest: प्रदर्शनकारी किसानों का बड़ा ऐलान, 6 मार्च को फिर दिल्ली की ओर आ रहे किसान

Farrmers Protest: किसानों ने ऐलान किया है कि 6 मार्च यानी बुधवार को किसान दिल्ली स्थित जंतर मंतर की ओर दिल्ली कूच करेंगे. उनका कहना है कि सरकार का रवैया किसानों के किलाफ तानाशाहीपूर्ण रहा है.

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Farmers Protest: फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को लेकर किसान एक बार फिर से दिल्ली में कूच की तैयारी में हैं. शंभू बॉर्डर पर डटे किसान नेताओं ने प्रदर्शन की आगे की रणनीति का जिक्र करते हुए कहा कि 6 मार्च को किसान दिल्ली स्थित जंतर मंतर की ओर कूच करेंगे. किसान नेताओं का कहना है कि इस दौरान उनके साथ कई राज्यों के किसान जंतर मंतर जाएंगे. 

प्रदर्शनकारी किसानों ने किया ऐलान

किसान नेता तेजवीर सिंह ने कहा कि ''आज 6 मार्च को पूरे भारत के किसान दिल्ली के जंतर-मंतर की ओर शांतिपूर्वक मार्च करेंगे. मार्च के लिए मध्य प्रदेश, राजस्थान और बिहार के किसानों ने दिल्ली जाने की पूरी तैयारी कर ली है."

किसान नेताओं ने कहा कि शंभू बॉर्डर, खनौरी या डबवाली बॉर्डर से किसी तरीके से कूच नहीं रहेगा. 6 मार्च को राजस्थान, बिहार और मध्य प्रदेश से आ रहे किसान दिल्ली के जंतर मंतर के लिए पैदल कूच करेंगे. आगे उन्होंने कहा कि हम किसान के धरने को मजबूत करने का काम करेंगे. हरियाणा-पंजाब सीमा पर अंबाला में शंभू बॉर्डर को छोड़कर सभी हाईवे और रास्तों को प्रशासन ने खोल दिए हैं. जिस पर किसान नेताओ ने कहा हाईकोर्ट के संज्ञान के बाद सरकार ने ये कदम उठाया है. कल किसानों के राशन की ट्रॉली को रोकने की कोशिश हुई, यह सरकार की दोगली नीति है.

 पुलिस की इन जगहों पर होगी खास नजर

इस बीच फिर से दिल्ली पुलिस एक बार सीमाओं पर किसानों को रोकने के लिए खास इंतजाम कर रही है.  पुलिस की ओर से कहा गया है कि सिंधू और टीकरी सीमा पर यात्रियों के लिए बाधाएं अस्थायी तौर पर हटा दी गई है. हालांकि पुलिस और अर्धसैनिक बलों की तैनाती फिलहाल वहां है.

दिल्ली पुलिस की नजर किसानों पर

पुलिस ने साफ तौर पर कहा कि रेलवे और मेट्र्रो स्टेशन और बस स्टेशनों पर भी सैनिक बलों की तैनाती पहले से की जा चुकी है. आगे उन्होंने कहा कि किसी भी हाल में कानून तोड़ने की इजाजत नहीं होगी. किसानों के इस दिल्ली चलों मार्च पर कड़ी चेकिंग की जाएगी और कहीं- कहीं यातायात धीमा पर भी प्रभाव पड़ सकता है.

आइए जानते हैं क्या है किसानों कि प्रमुख मांग

  • पिछले प्रदर्शन के दौरान शहीद हुए किसानों के स्मारक के लिए दिल्ली में जमीन
  • सभी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थक मूल्य (MSP) की कानूनी गांरटी
  • 60 से अधिक आयू वाले किसानों को हर महीने 10, 000 रुपये पेशंन दी जाए.
  • MS स्वामीनाथन समिति की सिफारिशों को लागू किया जाए.
  • लखीमपुर खीरी हिंसा पीड़ितों के लिए न्याय की मांग
  • गन्ने की कीमत मे इजाफा हो.
First Updated : Wednesday, 06 March 2024