सुखबीर खलीफा की गिरफ्तारी पर बौखलाए किसान, आज फिर होगा महामाया फ्लाईओवर पर धरना
Kisan Andolan: नोएडा के महामाया फ्लाईओवर पर एक बार फिर तनाव की स्थिति बनने की आशंका है. किसान नेता सुखबीर खलीफा की गिरफ्तारी के विरोध में किसानों ने बुधवार की दोपहर 12 बजे महामाया फ्लाईओवर पहुंचने का ऐलान किया है. ऐसा होने पर यहां जाम लगने की संभावना बन गई है.
Kisan Andolan: नोएडा में किसान नेता सुखबीर खलीफा की गिरफ्तारी के बाद किसानों का गुस्सा थमने का नाम नहीं ले रहा है. इस गिरफ्तारी के खिलाफ संयुक्त किसान मोर्चा के नेता राकेश टिकैत ने ग्रेटर नोएडा के जीरो पॉइंट पर महापंचायत बुलाने का आह्वान किया है. इसके अलावा, नोएडा के सेक्टर 70 में हुई बैठक में किसानों ने ऐलान किया कि वे फिर से महामाया फ्लाईओवर पर बैठेंगे. दो दिन पहले भी किसान महामाया फ्लाईओवर से दिल्ली जाने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन अधिकारियों ने उन्हें समझाकर शांत करा लिया था.
किसानों की गिरफ्तारी:
मंगलवार दोपहर, भारतीय किसान परिषद के अध्यक्ष सुखबीर खलीफा समेत करीब 150 किसानों को नोएडा पुलिस ने दिल्ली जाते समय दलित प्रेरणा स्थल के पास से गिरफ्तार कर लिया. अतिरिक्त पुलिस कमिश्नर शिव हरि मीणा के अनुसार, गिरफ्तार किए गए किसानों में रूपेश वर्मा, सुनील फौजी, सुनील प्रधान और भारतीय किसान यूनियन (पश्चिमी यूपी) के प्रदेश अध्यक्ष पवन खटाना भी शामिल हैं.
राकेश टिकैत का महापंचायत का ऐलान:
किसान नेताओं की गिरफ्तारी की खबर सुनते ही राकेश टिकैत ने ग्रेटर नोएडा के जीरो पॉइंट पर महापंचायत बुलाने का ऐलान किया. उन्होंने किसानों से ट्रैक्टर लेकर महापंचायत में शामिल होने की अपील की है. वहीं, सेक्टर 70 में हुई बैठक में किसानों ने यह तय किया कि बुधवार दोपहर 12 बजे वे हजारों की संख्या में महामाया फ्लाईओवर पर बैठेंगे.
किसान नेताओं का विरोध:
किसान नेता सुखबीर खलीफा ने अपनी गिरफ्तारी के समय कहा कि उनकी मांगें पूरी तरह से जायज हैं और वे इन मांगों को लेकर संघर्ष जारी रखेंगे. किसानों का कहना है कि पुलिस ने खलीफा को गिरफ्तार करके उनकी आवाज दबाने की कोशिश की है, जो बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
किसानों की लंबी मांगें:
किसान लंबे समय से अपनी कई मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. इनमें सर्किल रेट बढ़ाना, भूमिहीन किसानों के बच्चों के लिए रोजगार, हाईपावर कमेटी की सिफारिशें लागू करना, और 64% बढ़ा हुआ मुआवजा शामिल हैं. इन मांगों को लेकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान लगातार संघर्ष कर रहे हैं.