370 हटने के बाद भी कश्मीर में नहीं है शांति, आतंकी हमले को लेकर फारूक अब्दुल्ला ने BJP पर उठाया सवाल

Farooq Abdullah: नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने गुरुवार को कहा कि शांति सड़कों पर किसी भी सशस्त्र सेना के बिना होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि राज्य में शांति सैनिकों के बिना होनी चाहिए. अब्दुल्ला ने कहा, शांति का मतलब यह होना चाहिए कि सड़कों पर कोई सशस्त्र सैनिक न हो. इस दौरान उन्होंने केंद्र सरकार पर भी सवाल उठाया और कहा कि क्या वे अब भी मानते हैं कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के लिए अनुच्छेद 370 जिम्मेदार है.

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Farooq Abdullah: जम्मु कश्मिर में जल्द ही विधानसभाका चुनाव होने वाले है. इस बीच नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने गुरुवार जम्मू कश्मीर में हो रहे आतंकी हमले को लेकर बातचीत की. उन्होंने जम्मू-कश्मीर से राज्य का दर्जा जल्द वापस करने की मांग की है. लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा पर निशाना साधते हुए फारूक अब्दुल्ला ने कहा, 'मुझे पूर्ण राज्य का दर्जा चाहिए तुरंत. हमें दिल्ली के वायसराय के अधीन क्यों रहना चाहिए? वह कुछ भी आदेश दे सकते हैं. वह कुछ भी बदल सकते हैं.'

दरअसल फारुख अब्दुल्ला ने ये बयान तब दिया जब उनसे पुछा गया कि जम्मू एवं कश्मीर में सामान्य स्थिति लौट आई है. इस दौरान उन्होंने कहा कि शांति सड़कों पर किसी भी सशस्त्र सेना के बिना होनी चाहिए. जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले पांच वर्षों से क्षेत्र पर पूर्ण नियंत्रण होने के बावजूद केंद्र आतंकवाद को नियंत्रण में लाने में कामयाब नहीं हो पाया है. उन्होंने कहा , 'यहां कितने सैनिक हैं? कितनी ताकत है? सड़कों पर चलें और देखें कि वे कितने हथियारों से लैस हैं. क्या यही शांति है? शांति इन सैनिकों के बिना होनी चाहिए.'

कांग्रेस के साथ गठबंधन पर फारूक अब्दुल्ला का बयान

एनसी अध्यक्ष से जब पूछा गया कि क्या कांग्रेस के साथ गठबंधन से विधानसभा चुनावों के बाद जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करने में मदद मिलेगी. तब फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि कांग्रेस के साथ उनकी पार्टी का गठबंधन कोई मजबूरी नहीं बल्कि जम्मू-कश्मीर के विकास और केंद्र शासित प्रदेश के राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए जरूरी है. भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा, 'उन्होंने हमें छोटा कर दिया है. जब से भारत स्वतंत्र हुआ है, मैंने कभी नहीं देखा कि जम्मू-कश्मीर के अलावा किसी अन्य राज्य को केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया हो.'

फारूक अब्दुल्ला ने भाजपा पर लगाया आरोप

उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा देश को धार्मिक आधार पर बांटने की कोशिश कर रही है. अब्दुल्ला ने कहा, 'मेरी समस्या उन चीजों के संदर्भ में है जो वे अब कर रहे हैं. जिस तरह से वे लोगों को धार्मिक आधार पर अलग करने की कोशिश कर रहे हैं.' फारूक अब्दुल्ला ने आगामी विधानसभा चुनावों में दो सीटों से चुनाव लड़ने के उमर अब्दुल्ला के फैसले पर भी टिप्पणी करते हुए कहा कि स्थिति को बदलने के लिए चुनावों में सक्रिय भागीदारी आवश्यक है.

गंदेरबल से चुनाव लड़ रहे उमर अब्दुल्ला

उमर ने आगामी विधानसभा चुनावों के लिए गंदेरबल निर्वाचन क्षेत्र से अपना नामांकन दाखिल किया. एक जनसभा को संबोधित करते हुए उमर को अपनी टोपी उतारकर लोगों से समर्थन मांगते हुए देखा गया. उमर ने कहा, 'आज मैं सिर्फ़ एक बात कहूंगा - मेरी पगड़ी, मेरा सम्मान और यह टोपी आपके हाथों में है.' उमर ने कहा, 'मुझे एक मौका दीजिए.मैं गंदेरबल की जनता से हाथ जोड़कर अपील करता हूं कि मुझे एक मौका दीजिए और मैं आपकी सेवा करूंगा और आपका प्रतिनिधित्व करूंगा.' बता दें कि गंदेरबल को नेशनल कॉन्फ्रेंस का गढ़ माना जाता है, जहां अब्दुल्ला परिवार की तीन पीढ़ियां जीत चुकी हैं. नेशनल कॉन्फ्रेंस के संस्थापक शेख मोहम्मद अब्दुल्ला ने 1977 में यह सीट जीती थी, उसके बाद उनके बेटे फारूक अब्दुल्ला ने 1983, 1987 और 1996 में जीत हासिल की. ​​उमर अब्दुल्ला बाद में 2008 में इस निर्वाचन क्षेत्र से चुने गए.

First Updated : Friday, 06 September 2024