जम्मू-कश्मीर की शांति पर फारूक अब्दुल्ला का बड़ा बयान, केंद्र सरकार से पूछा सवाल
Jammu Kashmir Assembly Elections: जम्मू-कश्मीर में इसी महीने से विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने राज्य की शांति को लेकर बड़ा बयान दे दिया है. India Today के साथ खास बात-चीत के दौरान फारूक अब्दुल्ला ने कहा है कि सड़कों पर इतनी बड़ी तादाद में सिक्योरिटी फोर्सेज़ मौजूद हैं और शांति की बात करते हैं.
Jammu Kashmir Elections: जम्मू-कश्मीर में चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है. सभी पार्टियां लोगों को अपनी तरफ खींचने की कोशिशों में लग गई हैं. साथ ही एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो गया है. इसके अलावा राज्य की शांति को लेकर भी खूब बात हो रही है. इसी को लेकर नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्लाह ने बड़ा बयान दिया है. फारूक अब्दुल्लाह से सवाल किया गया कि केंद्र सरकार दावा कर रही है कि जम्मू-कश्मीर में सामान्य स्थिति लौट आई है. उन्होंने कहा कि राज्य में शांति सड़कों पर बिना किसी सशस्त्र सेना के होनी चाहिए.
इंडिया टुडे टीवी के साथ एक खास इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कहा, "आपके पास यहां कितने सैनिक हैं? कितनी सेनाएं हैं? सड़कों पर जाकर देखें कि वे कितने फौजी हैं. क्या यही शांति है? शांति इन फौजियों के बिना होनी चाहिए." इस दौरान फारूक अब्दुल्लाह ने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा पर भी कटाक्ष किया. उन्होंने कहा, "मैं पूर्ण राज्य का दर्जा चाहता हूं. तुरंत. हमें दिल्ली के वायसराय के अधीन क्यों रहना चाहिए? वह कुछ भी आदेश दे सकते हैं. वह कुछ भी बदल सकते हैं."
'कांग्रेस गठबंधन मजबूरी नहीं'
आने वाले चुनाव में कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस के गठबंधन से जुड़े एक सवाल पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस के साथ उनकी पार्टी का गठबंधन कोई मजबूरी नहीं बल्कि जम्मू-कश्मीर के विकास और केंद्र शासित प्रदेश को राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए समय की जरूरत है. भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा, "उन्होंने हमें छोटा कर दिया है. जब से भारत आजाद हुआ है, मुझे कभी नहीं पता चला कि जम्मू-कश्मीर के अलावा किसी अन्य राज्य को केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया है."
'धर्म के आधार बंट रहा देश'
उन्होंने आगे कहा, "मैं पूछना चाहता हूं कि क्या वे यह कह रहे थे कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के लिए धारा-370 जिम्मेदार है. क्या उन्होंने आतंकवाद को कंट्रोल किया है?" फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि भाजपा देश को धार्मिक आधार पर बांटने की कोशिश कर रही है. जिस तरह से वे लोगों को धार्मिक आधार पर अलग करने की कोशिश कर रहे हैं मैं उससे परेशान हूं."