अब कोर्ट में होगी 'तिरुपति के लड्डू' की लड़ाई?
Tirupati Balaji Prasad Row: आंध्र प्रदेश में सत्तारूढ़ तेलुगु देशम पार्टी (TDP) ने गुरुवार (19 सितंबर) को दावा किया कि लैबोरेट्री रिपोर्ट में विश्व प्रसिद्ध तिरुपति प्रसादम बनाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले घी में फिश ऑयल और गोमांस की चर्बी की मौजूदगी का पता चला है
Tirupati Balaji Prasad Row: भारत के हर मंदिर में भक्तों के बीच भगवान का प्रसाद बांटा जाता है. कहीं मोदक, कहीं हलवा, तो कहीं 56 भोग. लेकिन तिरुपति का लड्डू सबसे खास है. यह लड्डू 308 साल पुराना है और इसे GI टैग भी मिल चुका है. लेकिन अब इस प्रसाद की गुणवत्ता पर सवाल उठा है. तो ऐसे में आइए जानते हैं इसके इतिहास मान्यता, रेसिपी, आकार, वजन आदि के बारे में.
आंध्र प्रदेश के इस मंदिर में बीफ फैट और फिश ऑयल के इस्तेमाल का खुलासा होने के बाद सत्तारूढ़ तेलुगु देशम पार्टी (TDP) और विपक्षी पार्टी YSRCP की जुबानी जंग शुरू हो गई है. विपक्ष का कहना है कि अगर अगर सीएम चंद्रबाबू नायडू अपने आरोपो में गलत होते हैं तो और सबूत पेश नहीं करते हैं तो वो सुप्रीम कोर्ट तक जाएंगे.
'लड्डुओं पर अपवित्र आरोप'
वाईएसआरसीपी के वरिष्ठ नेता और टीटीडी के पूर्व अध्यक्ष बी. करुणाकर रेड्डी ने आरोप लगाया कि नायडू ने राजनीतिक लाभ के लिए तिरुपति के लड्डुओं पर अपवित्र आरोप लगाए हैं. तिरुपति में विश्व प्रसिद्ध श्री वेंकटेश्वर मंदिर के आधिकारिक संरक्षक, तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) के दो बार अध्यक्ष रह चुके बी. करुणाकर रेड्डी ने आरोप लगाया कि नायडू ने विपक्षी पार्टी और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री वाई. एस. जगन मोहन रेड्डी को निशाना बनाने के उद्देश्य से ऐसा कहा है.
रेड्डी ने स्थानीय मीडिया से कहा, “वाईएसआरसीपी, वाई. एस. जगन मोहन रेड्डी और पिछली सरकार पर हमला करने के लिए उन्होंने (नायडू) ये घिनौना आरोप लगाया कि स्वामी (देवता) के लड्डू बनाने में जानवरों की चर्बी का इस्तेमाल किया गया था ये निंदनीय है”. प्रदेश के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री नारा लोकेश ने बुधवार को तिरुपति प्रसादम (लड्डू) में पशु चर्बी के कथित उपयोग पर आश्चर्य व्यक्त किया.