Lawrence Bishnoi: पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की हत्या के बाद कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस का नाम एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है. लंबे समय तक कांग्रेस से जुड़े रहे और फरवरी में अजित पवार की पार्टी एनसीपी में शामिल हुए बाबा सिद्दीकी की शनिवार रात गोली मारकर हत्या कर दी गई. इस मामले में गिरफ्तार दोनों शूटरों ने स्वीकार किया कि वे लॉरेंस गिरोह के सदस्य थे. लॉरेंस गैंग ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट कर इस हत्याकांड की जिम्मेदारी स्वीकार की है. इसके बाद पुलिस ने दो और लोगों को गिरफ्तार किया. तीन मुख्य आरोपियों की तलाश अभी भी जारी है.
बाबा सिद्दीकी महाराष्ट्र के महान राजनीतिज्ञ थे. वह मुंबई के बड़े बिजनेसमैन भी थे और बॉलीवुड में भी उनकी अच्छी पकड़ थी. ऐसे में उनकी हत्या से महाराष्ट्र समेत देशभर के लोग सदमे में हैं. मुंबई क्राइम ब्रांच सूत्रों के मुताबिक, लॉरेंस बिश्नोई ने बाबा सिद्दीकी को इसलिए निशाना बनाया ताकि वह इन तीन बड़े इलाकों में एक साथ बड़ा संदेश दे सके. इस हत्या के जरिए लॉरेंस बिश्नोई मुंबई के राजनेताओं, बॉलीवुड हस्तियों और बड़े बिजनेसमैन को संदेश देना चाहता है कि अगर वह बाबा सिद्दीकी को मार सकता है तो किसी को भी मार सकता है.
लॉरेंस बिश्नोई फिलहाल गुजरात की साबरमती जेल में बंद है. उस पर हत्या, हत्या के इरादे से हमला, चोरी, डकैती, रंगदारी के करीब 50 मामले दर्ज हैं. उनका नाम जयपुर में करणी सेना के अध्यक्ष और सिद्धू मूसवाला की हत्या के साथ-साथ पंजाबी गायक गिप्पी ग्रेवाल और एपी ढिल्लों की गोलीबारी में भी सामने आया है. महज 31 साल का लॉरेंस बिश्नोई अपराध जगत में इतना बड़ा नाम कैसे बन गया और जेल में रहने के बावजूद उसने इतने हाई प्रोफाइल अपराध कैसे किए?
लॉरेंस बिश्नोई का असली नाम सतविंदर सिंह है. उनका जन्म 1993 में पाकिस्तान की सीमा से लगे पंजाब के फ़िरोज़पुर जिले के एक गांव में हुआ था. उनके पिता उस समय हरियाणा पुलिस में कांस्टेबल थे. बिश्नोई ने अपने कॉलेज के दिनों में अपराध की दुनिया में प्रवेश किया. वह 2010 में डीएवी कॉलेज में पढ़ने के लिए चंडीगढ़ चले गए. बाद में 2011 में वह पंजाब यूनिवर्सिटी कैंपस स्टूडेंट्स काउंसिल में शामिल हो गए. वहां उसकी मुलाकात एक अन्य कुख्यात गैंगस्टर गोल्डी बरार से हुई.
लॉरेंस ने छात्र संघ चुनाव लड़ने के लिए स्टूडेंट ऑर्गनाइजेशन ऑफ पंजाब यूनिवर्सिटी नाम से एक संगठन भी बनाया था. इसके बाद उन्होंने मुक्तसर गवर्नमेंट कॉलेज में छात्र संघ का चुनाव लड़ा, जिसमें वे हार गये. लॉरेंस हार से क्रोधित हो गया और कथित तौर पर छात्र संघ चुनाव के विजेता की गोली मारकर हत्या कर दी. यह अपराध की दुनिया में उनका पहला कदम था और एक साल के भीतर यानी 2012 तक, उन पर हत्या, हत्या का प्रयास, अतिक्रमण, हमला और डकैती जैसे अपराधों के लिए 7 मामले दर्ज किए गए थे.
ये सभी मामले छात्र राजनीति से जुड़े थे. सूत्रों के मुताबिक, लॉरेंस के गैंगस्टर देश के 11 राज्यों पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, बिहार, पश्चिम बंगाल, उत्तराखंड, महाराष्ट्र, झारखंड और गुजरात में सक्रिय हैं. यानी इन राज्यों में लॉरेंस किसी से भी सुपारी ले सकता है, किसी की भी हत्या कर सकता है.
लॉरेंस बिश्नोई का गैंग सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि कई देशों में इसके कनेक्शन हैं. लॉरेंस गैंग का नेटवर्क अमेरिका, कनाडा, अजरबैजान, पुर्तगाल, यूएई और रूस तक फैला हुआ है. सूत्रों के मुताबिक, रेन्स इन देशों से अवैध हथियारों की तस्करी करता है. उसका संबंध ड्रग माफिया से भी है. यही नहीं, लॉरेंस का गिरोह भारत में जो अपराध करता था, उसमें रंगदारी का बड़ा हिस्सा होता है. अवैध हथियार, नशीली दवाओं का व्यापार, केबल ऑपरेटरों से जबरन वसूली, रेत माफिया, शराब डीलर और बिल्डरों से जबरन वसूली. ऐसे कई काम लॉरेंस बिश्नोई का गैंग यानी उसके शूटर्स कर रहे हैं.
- 29 मई 2022 को लॉरेंस गैंग के गैंगस्टर गोल्डी बरार ने सिद्धू मूसवाला हत्याकांड की जिम्मेदारी ली.
- 20 सितंबर 2023 को कनाडा में आतंकी सुखदुल सिंह की हत्या की जिम्मेदारी भी लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने ली थी.
– 25 नवंबर 2023 को लॉरेंस के गैंग ने कनाडा में पंजाबी सिंगर गिप्पी ग्रेवाल के घर पर भी फायरिंग की थी.
- तो 14 अप्रैल 2024 को मुंबई में सलमान खान के गैलेक्सी अपार्टमेंट स्थित घर पर फायरिंग हुई थी. उनकी जिम्मेदारी लॉरेंस बिश्नोई के भाई अनमोल बिश्नोई ने संभाली थी.
- इतना ही नहीं, 2 सितंबर 2024 को कनाडा में पंजाबी सिंगर एपी ढिल्लन के घर पर फायरिंग की घटना की जिम्मेदारी भी इसी गैंग ने ली थी.
बताया जाता है कि लॉरेंस बिश्नोई के गिरोह में करीब 700 सदस्य हैं. लॉरेंस बिश्नोई ने अपने गैंग में सभी को बांट रखा है. गोल्डी बराड़, रोहित गोदारा, अनमोल बिश्नोई और काला जत्थेदी सभी के अपने-अपने क्षेत्र हैं, जो सीधे साबरमती जेल में लॉरेंस बिश्नोई को रिपोर्ट करते हैं. First Updated : Wednesday, 16 October 2024