पतंजलि के शाकाहारी उत्पाद में मिला मछली का अर्क मामला सुलझेगा कैसे

Patanjali: हाल ही में पतंजलि आयुर्वेद को लेकर एक विवाद सामने आया है. कंपनी पर आरोप लगा है कि उसने अपनी शाकाहारी उत्पादों में मछली का अर्क शामिल किया है जो उनके शाकाहारी लेबल के खिलाफ है. एक उपभोक्ता की शिकायत पर राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (NCDRC) ने पतंजलि से स्पष्टीकरण मांगा है.

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Patanjali: पतंजलि आयुर्वेद अपनी जड़ी-बूटियों और प्राकृतिक उत्पादों के लिए काफी प्रसिद्ध है. वो अब एक कानूनी और उपभोक्ता संबंधी समस्या में फंस गई है. दरअसल कंपनी पर आरोप लगा है कि उसने कुछ शाकाहारी उत्पादों में मछली का अर्क शामिल किया है, जबकि ये उत्पाद शाकाहारी के रूप में ब्रांडेड हैं. यह मामला तब सामने आया जब एक उपभोक्ता ने राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (NCDRC) के पास शिकायत की.

पतंजलि में मछली का अर्क

मिली जानकारी के मुताबिक शिकायतकर्ता दिल्ली का निवासी है, उसने दावा किया है कि जिस उत्पाद को शाकाहारी के रूप में मार्केट किया गया था उसमें मछली का अर्क मिला था, जो शाकाहारी दावे का विरोधाभास है. मछली का अर्क मतलब जो मछली से प्राप्त होता है वो स्वाभाविक रूप से गैर-शाकाहारी होता है और इसका उपयोग ऐसे उत्पादों में करना उपभोक्ताओं को भ्रमित कर सकता है जो धार्मिक, नैतिक या स्वास्थ्य कारणों से शाकाहारी आहार का पालन करते हैं.

NCDRC ने मांगा पतंजलि से जवाब

NCDRC ने इन आरोपों को गंभीरता से लिया है और पतंजलि से इसका स्पष्टीकरण मांगा है. आयोग ने कंपनी से उनके शाकाहारी उत्पादों में प्रयुक्त सामग्री के बारे में विस्तृत जानकारी देने और उनके लेबलिंग प्रथाओं को स्पष्ट करने को कहा है. इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि उपभोक्ताओं को सही जानकारी मिले और वे अपनी आहार प्राथमिकताओं और नैतिक मानदंडों के अनुसार सही चुनाव कर सकें.

पतंजलि का इस विवाद पर जवाब

इस पुरे विवाद पर पतंजलि आयुर्वेद ने कहा है कि वे गुणवत्ता और नियमों का पूरा ध्यान रखते हैं. कंपनी ने इस मुद्दे को जल्दी सुलझाने और सभी उत्पाद लेबल सही करने का वादा किया है. यह मामला दिखाता है कि उत्पाद लेबलिंग में पारदर्शिता और उपभोक्ता अधिकारों की सुरक्षा के लिए सख्त निगरानी काफी जरूरी है. जांच के आगे बढ़ने के साथ, उपभोक्ताओं को सतर्क रहने और लेबल को ध्यान से पढ़ने की सलाह दी जाती है, ताकि वे गलती से गैर-शाकाहारी सामग्री का सेवन न करें. 

First Updated : Friday, 30 August 2024