Flag Code Of India : देश के राष्ट्रीय ध्वज को फहराने के हैं कई नियम, जानिए क्या है भारतीय ध्वज संहिता
National Flag : राष्ट्रीय ध्वज को फहराने के लिए बहुत से नियम हैं. जो भी राष्ट्रीय ध्वज फहराए उसे इस बात को सुनिश्चित करना चाहिए कि झंडा उल्टा न हो. केसरिया भार ऊपर होना चाहिए.
Independence Day 2023 : भारत कुछ दिनों बाद ही अपना 77वां स्वतंत्रता दिवस मनाएगा. इस राष्ट्रीय दिवस को मनाने के लिए देशभर में तैयारियां शुरू हो गई हैं. केंद्र सरकार इस वर्ष भी हर घर तिरंगा अभियान का आयोजन करेगी. इसके तहत देश की जनता अपने-अपने घरों की छत पर तिरंगा फहराएगी. लेकिन क्या आप जानते हैं राष्ट्रीय ध्वज को फहराने के लिए बहुत से नियम हैं. इनका पालन हर नागरिक को करना होता है. इसे आम झंडे की तरह नहीं फहराया जा सकता है.
क्या है नियम
राष्ट्रीय ध्वज का अपमान न हो इस बात का सभी तो ध्यान रखना चाहिए. जो भी राष्ट्रीय ध्वज फहराए उसे इस बात को सुनिश्चित करना चाहिए कि झंडा उल्टा न हो. केसरिया भार ऊपर होना चाहिए. यह भी ध्यान रखें कि तिरंगा जमीन और पानी को न छूए. राष्ट्रीय ध्वज को क्षतिग्रस्त नहीं किया जाना चाहिए. इसके अलावा राष्ट्रीय ध्वज को फहराने के लिए ऐसा कोई भी कार्य नहीं करना चाहिए जिससे इसकी गरिमा को ठेस पहुंचे.
क्या है भारतीय ध्वज संहिता
भारतीय ध्वज संहिता 2002, 26 जनवरी 2002 को लागू की गई थी. इसे तीन भागो में बांटा गया है. पहला तिरंगे का विवरण, दूसरे में आम लोगों, शैक्षिक संस्थानों और निजी संगठनों के लिए झंडा फहराने से संबंधित नियम और तीसरे में राज्य और केंद्र सरकार, उनके संगठनों के लिए दिशा-निर्देश दिए गए हैं. इसके मुताबिक राष्ट्रीय ध्वज की गरिमा और सम्मान का अनादर नहीं किया जाना चाहिए. इनका पालन करके सभी अवसर पर सभी स्थानों पर तिरंगा फहराया जा सकता है. इसमें कहा गया है कि झंडा किसी भी आकार का हो सकता है परंतु इसकी लंबाई व ऊंचाई का अनुपात आयताकार आकार में 3:2 होना चाहिए.
कोड में संशोधन
भारतीय ध्वज संहिता में कहा गया है कि ध्वज का उपयोग व्यवयासियक उद्देश्यों के लिए नहीं किया जाना चाहिए. पहले कोड में प्रावधान था कि तिरंगे को सिर्फ सूर्योदय के बाद फहराया जाता था. लेकिन अब इस नियम को निरस्त कर दिया गया है. 20 जुलाई 2022 को इसमें संशोधन किया गया. अब तिरंगे को दिन के साथ-साथ रात में भी फहराने की अनुमति दे दी गई थी.