'केरल में NCC कैडेट्स की फूड पॉइजनिंग: 60 से ज़्यादा अस्पताल में भर्ती, क्या है सच?'
केरल के थ्रिक्काकारा में चल रहे एक एनसीसी शिविर में संदिग्ध फूड पॉइज़निंग के कारण 60 से ज्यादा कैडेट्स अस्पताल में भर्ती हो गए. घटना के बाद माता-पिता घबराए हुए शिविर में पहुंचे. अधिकारियों ने इसकी जांच शुरू कर दी है और फूड और पानी के नमूने भेजे गए हैं. जानें, क्या है इस घटना के पीछे की सच्चाई और क्या होंगे इसके परिणाम!
NCC Cadets in Kerala: केरल के थ्रिक्काकारा स्थित एक कॉलेज में चल रहे एक एनसीसी शिविर के दौरान संदिग्ध फूड पॉइज़निंग के कारण लगभग 60 एनसीसी कैडेट्स अस्पताल में भर्ती हो गए. यह घटना सोमवार शाम को तब घटी, जब 21 केरल बटालियन एनसीसी के द्वारा आयोजित प्रशिक्षण शिविर के दौरान कैडेट्स को अस्वस्थता महसूस होने लगी. यह शिविर 20 दिसंबर को शुरू हुआ था और 10 दिनों तक चलने वाला था, जिसमें 550 से अधिक कैडेट्स शामिल थे.
बेचैनी के बाद अस्पताल में भर्ती, कई को मिली राहत
रात के खाने के बाद कई कैडेट्स ने पेट दर्द और अस्वस्थता की शिकायत की. शाम 7 बजे के आसपास चार कैडेट्स बीमार हुए, लेकिन जल्दी ही यह संख्या बढ़कर 40 और फिर 60 से अधिक हो गई. इस बढ़ते हुए संकट को देखते हुए, प्रभावित कैडेट्स को तुरंत विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया. कुछ कैडेट्स को उसी रात छुट्टी दे दी गई, जबकि कुछ अन्य अभी भी चिकित्सा निगरानी में हैं. इस घटना के बाद शिविर में हड़कंप मच गया और कई चिंतित माता-पिता अपने बच्चों को लेकर शिविर स्थल पर पहुंच गए.
स्वास्थ्य अधिकारियों की जांच और पुलिस केस
स्थानीय पुलिस ने शिविर के पास कथित तौर पर उपद्रव मचाने के आरोप में लगभग 10 व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया. वहीं, स्वास्थ्य अधिकारियों ने संदिग्ध फूड पॉइज़निंग के कारण का पता लगाने के लिए भोजन और पानी के नमूने एकत्र किए हैं और अभी परिणामों का इंतजार किया जा रहा है. एनसीसी अधिकारियों ने इस घटना की विभागीय जांच शुरू कर दी है. वे यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि भोजन में क्या गड़बड़ी हुई, जिसकी वजह से इतनी बड़ी संख्या में कैडेट्स बीमार हुए.
भविष्य में फूड सुरक्षा को लेकर उठे सवाल
इस घटना ने बड़े पैमाने पर होने वाले आयोजनों में खाद्य सुरक्षा और स्वच्छता मानकों को लेकर चिंताएँ पैदा कर दी हैं. अधिकारियों ने इस मामले पर गंभीरता से विचार करते हुए आश्वासन दिया है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक सुधारात्मक उपाय किए जाएंगे.
शिविर के आयोजक अब इस बात पर विचार कर रहे हैं कि क्या शिविर को जारी रखा जाए या बाकी कार्यक्रमों को रद्द कर दिया जाए. इस घटना के बाद एक बात तो साफ है कि इस तरह की घटनाओं से न सिर्फ स्वास्थ्य संकट पैदा होता है, बल्कि इसके बाद आयोजन स्थल की सुरक्षा और व्यवस्थाओं पर भी सवाल उठते हैं.
शिविर के आयोजकों और स्वास्थ्य विभाग के बीच सहयोग
चिंतित माता-पिता और प्रभावित कैडेट्स के बीच हुई घबराहट को देखते हुए आयोजकों ने यह सुनिश्चित किया कि सभी प्रभावितों को जल्द से जल्द इलाज मिले और सभी कैडेट्स की स्थिति पर निगरानी रखी जाए. साथ ही, इस मामले की गहरी जांच की जा रही है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके. इस घटनाक्रम से यह भी जाहिर होता है कि बड़े आयोजनों में भोजन और पानी की गुणवत्ता को लेकर सतर्कता और कड़ी निगरानी की आवश्यकता है, ताकि इस तरह के स्वास्थ्य संकट से बचा जा सके.