DRDO के पूर्व प्रमुख वीएस अरुणाचलम का 87 साल की उम्र में निधन, विदेश मंत्री ने जताया दुख
VS Arunachalam: वीएस अरुणाचलम को इंजीनियरिंग विज्ञान और प्रौद्योगिकी में उनके योगदान के लिए शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार (1980), पद्म भूषण (1985), और पद्म विभूषण (1990) से सम्मानित किया गया था.
हाइलाइट
- परिवार के बीच कैलिफोर्निया में ली अंतिम सांस
- विदेश मंत्री एस जयशंकर ने लिखा भावुक पोस्ट
- 1990 में पद्म विभूषण से किया गया था सम्मानित
Former DRDO Chief VS Arunachalam: अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के पूर्व महानिदेशक वी एस अरुणाचलम का बुधवार को अमेरिका में निधन हो गया. उनके परिवार द्वारा दिए गए एक बयान में कहा गया कि बड़े दुख के साथ हम डॉ. वी एस अरुणाचलम के निधन की सूचना देना चाहते हैं. वह 87 वर्ष के थे.
परिवार के बीच कैलिफोर्निया में ली अंतिम सांस
कैलिफोर्निया में परिवार के बीच उन्होंने अंतिम सांस ली.बता दें कि वैज्ञानिक अनुसंधान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए अरुणाचलम को कई पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है. साल 2015 में डीआरडीओ के लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से भी नवाजा गया था. उन्होंने भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (बीएआरसी), राष्ट्रीय एयरोनाटिकल प्रयोगशाला और रक्षा मैटलर्जिकल अनुसंधान प्रयोगशाला तक में कार्य कर चुके थे.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जताया दुख
वर्ष 1982-92 तक रक्षा मंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार के रूप नें अरुणाचलम में काम किया था. इंजीनियरिंग विज्ञान और प्रौद्योगिकी में अरुणाचलम के योगदान के लिए उन्हें 1980 में शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार, 1985 में पद्म भूषण और 1990 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक्स (ट्विटर) पर पोस्ट कर कहा कि डॉ. वी एस अरुणाचलम के निधन के बारे में जानकर गहरा दुख हुआ.
Deeply grieved to learn of the passing away of Dr. V S Arunachalam, former Scientific Advisor to Raksha Mantri.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) August 16, 2023
Was a mentor to so many on defense, technology and nuclear matters.
Had the privilege of working closely with him, especially on the India-US relationship. Our trip… https://t.co/WIdMSmCSAc pic.twitter.com/wLupeXRvlx
विदेश मंत्री ने लिखा भावुक पोस्ट
विदेश मंत्री ने लिखा कि रक्षा मंत्री के पूर्व वैज्ञानिक सलाहकार डॉ. वी.एस. अरुणाचलम के निधन के बारे में जानकर गहरा दुख हुआ. रक्षा, प्रौद्योगिकी और परमाणु मामलों पर वह कई लोगों के मार्गदर्शक थे. विशेषकर भारत-अमेरिका संबंधों पर उनके साथ मिलकर काम करने का सौभाग्य मिला. 1986 में संयुक्त राज्य अमेरिका की हमारी यात्रा उन यादों में से एक है जिन्हें मैं संजोकर रखता हूँ.