Chandrayaan 3: इसरो के पूर्व अध्यक्ष ने चंद्रयान-3 को लेकर कहा, "आखिरी 20 मिनट इतिहास में सबसे चुनौतीपूर्ण"
Chandrayaan 3: इसरो के पूर्व अध्यक्ष जी. माधवन ने कहा कि 'हर कोई इस महान आयोजन का बेसब्री से इंतजार कर रहा है. जहां तक भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम का सवाल है, यह ग्रहों की खोज के लिए सबसे महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होने जा रहा है.
हाइलाइट
- अंतरिक्ष के क्षेत्र में आज भारत अपना परचम लहराने जा रहा है
- चंद्रयान-3 मिशन के उपर टिकी है विश्व के वैज्ञानिकों की नजरें
- इसरो के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, आखिरी 20 मिनट काफी चुनौतीपूर्ण
Chandrayaan 3: अंतरिक्ष के क्षेत्र में आज भारत अपना परचम लहराने जा रहा है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का चंद्रयान-3 मिशन के उपर विश्व के वैज्ञानिकों सहित आम लोगों की नजरें टिकी हुई है. 14 जुलाई को इसरो द्वारा लॉन्च किया गया चंद्रयान-3 आज चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग कर इतिहास रचने के दहलीज पर है. चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के लिए पूरे देश में पूजा और प्रार्थना की जा रही है. इस बीच इसरो के पूर्व अध्यक्ष जी. माधवन नायर ने चंद्रयान-3 मिशन कुो लेकर बड़ी बात कही है.
न्यूज़ एजेंसी एएनआई से बातचीत के दौरान इसरो के पूर्व अध्यक्ष जी. माधवन ने कहा कि 'हर कोई इस महान आयोजन का बेसब्री से इंतजार कर रहा है. जहां तक भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम का सवाल है, यह ग्रहों की खोज के लिए सबसे महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होने जा रहा है.
#WATCH हर कोई इस महान आयोजन का बेसब्री से इंतजार कर रहा है। जहां तक भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम का सवाल है, यह ग्रहों की खोज के लिए सबसे महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होने जा रहा है... इस मिशन का चंद्रमा की कक्षा से चंद्र सतह पर उतरने के आखिरी 20 मिनट इतिहास में सबसे चुनौतीपूर्ण… pic.twitter.com/irco0tCZa2
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 23, 2023
चंद्रयान-3 मिशन पर बात करते हुए पूर्व अध्यक्ष ने दावा कि इस तरह की मिशन में सभी को सफलता मिलना आसान नहीं होता है. उन्होंने रूस के लूना मिशन मून का भी जिक्र किया, जो हाल में अपने मिशन को पूरा करने में नाकामयाब साबित हुआ.
आखिरी 20 मिनट बहुत चुनौतीपूर्ण
इसरो ने जानकारी दी है कि चांद के लगभग करीब पहुंच चुका चंद्रयान-3 आज शाम छह बजकर चार मिनट में सॉफ्ट लैंडंग कर सकता है. इस बारे में जानकारी देते हुए इसरो के पूर्व अध्यक्ष जी. माधवन नायर ने कहा कि चंद्रमा की कक्षा से चंद्र सतह पर उतरने के आखिरी 20 मिनट इतिहास में सबसे चुनौतीपूर्ण क्षण होने जा रहे हैं.