साल 2012 में बहुचर्चित एयर होस्टेस गीतिका शर्मा सुसाइड केस (Air Hostess Geetika Sharma Suicide Case) में आज रॉउज एवन्यू कोर्ट ने फैसला सुनाया. कोर्ट ने इस मामले के मुख्य आरोपी हरियाणा के सिरसा से पूर्व विधायक गोपाल कांडा और मैनेजर अरुणा चड्ढा को बरी कर दिया है. इस मामले में रॉउज एवन्यू कोर्ट लगभग 11 साल बाद फैसला सुनाया है.
हरियाणा के पूर्व मंत्री गोपाल कांडा की एयरलाइंस कंपनी MDLR में एयर होस्टेस रही गीतिका शर्मा ने 5 अगस्त, 2012 में दिल्ली के अशोक विहार स्थित अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. उसने अपने सुसाइड नोट में इस कदम के लिए गोपाल कांडा और उनकी कंपनी में सीनियर मैनेजर रहीं अरुणा चड्ढा को जिम्मेदार ठहराया था.
गीतिका शर्मा ने एक सुसाइड नोट लिखा था कि गोपाल कांडा लड़कियों पर गलत नज़र रखते हैं. मैंने अपनी जिंदगी में उनसे गंदा इंसान नहीं देखा है। मैं गोपाल कांडा की प्रताड़ना से तंग आकर जान दे रही हूं.
गीतिका शर्मा MDLR कंपनी में काम करती थी. जो कि गोपाल कांडा की कंपनी है. 2007 से 2009 तक एयरलाइन भी चली. कुछ विवादों के चलते एयरलाइंस का काम बंद हो गया. बावजूद इसके कंपनी चालू थी. गीतिका इसी एयरलाइंस में पहले केबिन क्रू थीं.
जनवरी 2011 में गीतिका शर्मा ने फिर से गोपाल कांडा की कंपनी ज्वाइन कर ली. इसके बाद कुछ ऐसा हुआ कि गीतिका ने 5 अगस्त 2012 को सुसाइड कर लिया. इतना ही नहीं, गीतिका की मौत के 6 महीने बाद उसकी मां अनुराधा शर्मा ने भी आत्महत्या कर ली. इसका आरोप भी गोपाल कांडा पर ही लगाया गया था.
गीतिका शर्मा सुसाइड केस में पुलिस ने गोपाल कांडा पर आईपीसी की धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना), 506 (आपराधिक तरीके से धमकी), 201 (साक्ष्य नष्ट करना), 120 बी (आपराधिक साजिश) और 466 (जालसाजी) के तहत आरोपी बनाया था. निचली अदालत ने कांडा के खिलाफ रेप (376) और 377 (अप्राकृतिक यौन संबंध) के आरोप भी तय किए थे, लेकिन दिल्ली हाई कोर्ट ने इन धाराओं को हटा दिया था.
एक दशक से भी पुराने गीतिका शर्मा सुसाइड केस में आरोपी हरियाणा के पूर्व मंत्री गोपाल गोयल कांडा को आज कोर्ट ने बरी कर दिया.