पूर्व केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला बने मणिपुर के नए गवर्नर, 5 राज्यों में राज्यपालों का फेरबदल
Governor's appointment: मंगलवार रात केंद्र सरकार ने 5 राज्यों के राज्यपालों में बड़ा बदलाव किया. पूर्व केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला को मणिपुर का नया राज्यपाल नियुक्त किया गया, जो राज्य में लंबे समय से जारी हिंसा के बीच अहम माने जा रहे हैं. इसके साथ ही मिजोरम, केरल, ओडिशा और बिहार में भी नए राज्यपाल नियुक्त किए गए हैं.
Governor's appointment: मंगलवार रात अचानक 5 राज्यों के राज्यपालों में बड़ा फेरबदल किया गया. इन बदलावों में मणिपुर की कमान पूर्व केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला को सौंपी गई है. लंबे समय से हिंसा से प्रभावित मणिपुर में राज्यपाल के रूप में उनकी नियुक्ति को काफी अहम माना जा रहा है.
इसके अलावा मिजोरम, केरल, ओडिशा और बिहार में भी राज्यपालों की नई नियुक्तियां की गई हैं. इन बदलावों का उद्देश्य राज्यों में प्रशासनिक स्थिरता और कुशलता सुनिश्चित करना है.
मणिपुर के नए राज्यपाल बने अजय कुमार भल्ला
1984 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी अजय कुमार भल्ला, जिन्हें असम-मेघालय कैडर से संबंध है, अब मणिपुर के नए राज्यपाल हैं. इससे पहले लक्ष्मण प्रसाद आचार्य को मणिपुर का अतिरिक्त प्रभार दिया गया था. अजय भल्ला का केंद्रीय गृह सचिव के रूप में कार्यकाल अगस्त 2024 में समाप्त हुआ. 2019 में इस पद पर नियुक्त हुए भल्ला ने देश के सबसे लंबे कार्यकाल वाले गृह सचिव के रूप में अपनी पहचान बनाई.
मिजोरम को मिला नया राज्यपाल
पूर्व सेना अध्यक्ष जनरल विजय कुमार सिंह (सेवानिवृत्त) को मिजोरम का नया राज्यपाल नियुक्त किया गया है. 2014 से 2024 तक गाजियाबाद से लोकसभा सांसद रहे जनरल सिंह ने 2024 का लोकसभा चुनाव नहीं लड़ा और अब उन्हें राज्यपाल के रूप में नई जिम्मेदारी दी गई है.
बिहार और केरल में भी बदलाव
बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान को केरल से स्थानांतरित कर बिहार का नया राज्यपाल बनाया गया है. उनकी जगह बिहार के मौजूदा राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर को केरल भेजा गया है. आरिफ मोहम्मद खान 2019 से केरल के राज्यपाल थे और तीन तलाक पर मोदी सरकार के फैसले का समर्थन कर सुर्खियों में आए थे.
ओडिशा में हरि बाबू कंभमपति नियुक्त
मिजोरम के राज्यपाल हरि बाबू कंभमपति को ओडिशा का राज्यपाल नियुक्त किया गया है. ओडिशा के मौजूदा राज्यपाल रघुबर दास के इस्तीफे के बाद यह फैसला लिया गया.