Explainer : चुनाव से लेकर युद्ध व आंतरिक्ष के सफर तक कैसा रहेगा साल 2024 यहां जानिए महत्वपूर्ण बातें

साल 2024 में जहां 30 देशों में राष्ट्रपति चुनाव के साथ आधी दुनिया में चुनाव होने वाले हैं. इस साल इसराइल-हमास, रूस-यूक्रेन युद्ध किस दिशा में जाएगी आतंरिक्ष में दुनिया क्या तरक्की करने वाली है. आइए इस आर्टिकल में इसके बारे में जानते हैं

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भारत, अमेरिका और ब्रिटेन और रूस में इस साल चुनाव होने वाले हैं. इसके बीच इसरो (ISRO) बाहरी अंतरिक्ष की खोज के लिए तैयार है. साल 2024 इतिहास के लिए एक शानदार साल होने वाला है. इज़राइल-हमास युद्ध, जिसे प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने जीत तक लड़ने की कसम खाई है, अपने हिंसक निष्कर्ष पर पहुंचने की संभावना है. वहीं रूस- यूक्रेन युद्ध भी अपने अंतिम रूप में पहुंच सकता है. आइए एक नजर डालते हैं कि हम 2024 से हम क्या उम्मीद कर सकते हैं

चुनाव...चुनाव और चुनाव

इस साल 2024 में 30 देशों में राष्ट्रपति के लिए चुनाव होंगे. इसके साथ ही करीब आधी दुनिया में इस साल चुनाव होने वाले हैं. सबसे खास बात यह है कि इस साल दुनिया की दोनों महाशक्तियों अमेरिका और रूप में चुनाव के साथ दुनिया में तेजी से उभरती हुई महाशक्ति भारत में भी आम चुनाव होने वाले हैं. वहीं पाकिस्तान, बांग्लादेश में भी चुनाव हैं. कुल मिलाकर कह सकते हैं 2024 दुनिया भर में चुनाव की दृष्टि से बहुत अहम होने वाला है. भारत में पीएम मोदी जहां तीसरी बार सत्ता में काबिज होने के लिए मैदान में उतरेंगे वहीं देश में INDIA गठबंधन उनके विजय रथ को रोकने के लिए पूरी कोशिश करेगा. वहीं अमेरिका में ट्रंप एक बार फिर राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़ेंगे. वहीं यूनाइटेड किंगडम में ऋषि सुनक का राजनीतिक भविष्य खतरे में पड़ सकता है. लिज़ ट्रस के बाद ब्रिटेन के प्रधान मंत्री बने सुनक को कंजर्वेटिव पार्टी के कार्यकर्ताओं और कार्यकर्ताओं से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

2024 में दुनिया में बड़े- बड़े बदलाव होंगे.


भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम जारी रहेगा

इसरो बाहरी आंतरिक्ष में अपनी खोज लगातार जारी रखेगा. इसरो के लिए 2023 शानदार साल रहा है और 2024 से बड़ी उम्मीदें हैं. फरवरी में एसएसएलवी-डी-2 के प्रक्षेपण से लेकर जुलाई में चंद्रयान-3 चंद्रमा मिशन को अंजाम तक पहुंचाने तक, अंतरिक्ष एजेंसी के लिए यह वर्ष वास्तव में शानदार रहा. इसरो ने 2035 तक एक अंतरिक्ष स्टेशन बनाने का लक्ष्य रखा है. एजेंसी ने 2024 में पीएसएलवी के छह मिशन, जीएसएलवी के तीन लॉन्च और लॉन्च व्हीकल मार्क-3 के एक वाणिज्यिक मिशन की योजना बनाई है. अंतरिक्ष एजेंसी की वास्तविक उड़ान में मानव-रेटेड लॉन्च वाहन और कक्षीय मॉड्यूल को मान्य करने के लिए गगनयान कार्यक्रम के तहत दो मानव रहित मिशन शुरू करने की भी योजना है. NASA-ISRO सिंथेटिक अपर्चर रडार (NISAR) को 2024 की पहली तिमाही में लॉन्च करने की तैयारी है. यह मिशन तीन वर्षों तक चलेगा. इसका लक्ष्य हर 12 दिनों में पृथ्वी की सभी भूमि और बर्फ से ढकी सतहों का सर्वेक्षण करना है. यह 90 दिन की उपग्रह कमीशनिंग अवधि के बाद शुरू होगा. ISRO 12 दिनों में पूरे विश्व का मानचित्रण करेगा और पृथ्वी के पारिस्थितिक तंत्र, बर्फ द्रव्यमान, वनस्पति बायोमास, समुद्र स्तर में वृद्धि, भूजल और भूकंप, सुनामी, ज्वालामुखी और भूस्खलन सहित प्राकृतिक खतरों में परिवर्तन को समझने के लिए स्थानिक और अस्थायी रूप से सुसंगत डेटा प्रदान करेगा.

यूक्रेन-रूस युद्ध में नया अध्याय

2023 में सबकी निगाहें रूस और यूक्रेन पर थीं. अब देखना यह है कि साल 2024 में यह युद्ध किस तरह के अंजाम तक पहुंचता है. दुनिया भर में लोगों का सोचना है कि दोनों ओर से शांति समझौता हो जाए और खून खराबा न हो, लेकिन युद्ध को लेकर दोनों
 देश किस तरह का कदम उठाते हैं उससे ही कुछ निकलकर सामने आएगा. वहीं इजरायल और हमास के बीच युद्द को लेकर भी चर्चा है कि अगर दोनों के बीच बात नहीं बनी तो यह युद्ध विनाशकारी अंजाम तक पहुंच सकता है. क्योंकि इजराइल के प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हमास के खिलाफ लड़ाई को 'अंत तक' जारी रखने की कसम खाई है. हालांकि 2024 वह वर्ष होगा जब इज़राइल-हमास युद्ध अपने चरम पर पहुंचेगा.


दुनियाभर के कर्मचारी होंगे एकजुट

साल 2023 में दुनिया भर में श्रमिकों और प्रबंधन के बीच लगातार लड़ाई जारी रही. जहां श्रमिकों ने आगे आकर सोशल मीडिया पर अपनी राय व्यक्त की, वहीं प्रबंधकों ने भी पलटवार किया. जब आप अपने कर्मचारियों के साथ दुर्व्यवहार करते हैं, तो वे विद्रोह करतें हैं. सामाजिक रूप से बुलाते हैं विरोध के लिए रैली करते हैं उनकी आवाज को समर्थन मिलता है. इस साल भी कर्मचारी अपनी निराशाओं को आवाज देना जारी रखेंगे. वर्क फ्रॉम होम को लेकर कर्मचारियों और कंपनी के बीच लगातार बहस जारी है. इसके फायदे- नुकसान को दोनों अपने- अपने लाभ के हिसाब से देखते हैं.  मैन्सर कंसल्टिंग के सीईओ सत्या सिन्हा ने कहा, न केवल किराया, बल्कि कर्मचारी कार्यस्थल तक आने-जाने की परेशानी से भी बचते हैं. भोजन, बिजली और अन्य उपयोगिताओं पर पैसे का एक बड़ा हिस्सा बचाया जाता है, जिसमें स्थानांतरण की कुल लागत भी शामिल है जो वेतन कटौती की भरपाई से कहीं अधिक है. First Updated : Tuesday, 02 January 2024

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