गौतम अडानी से लेकर जेपीसी की मांग तक, इस बर संसद के शीतकालीन सत्र पर जमकर होगा बवाल

Winter Session Of Parliament: गौतम अडानी का मामला ऐसे वक्त में तूल पकड़ रहा है, जब संसद का शीतकालीन सत्र प्रस्तावित है. फरवरी 2023 में हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद संसद 3 दिन तक नहीं चल पाया था. इस बार भी विपक्ष इस मुद्दे पर एकजुट हो रहा है. कहा जा रहा है कि संसद का यह सत्र चले, इसकी गुंजाइश कम है.

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Winter Session Of Parliament: उद्योगपति गौतम अडानी को लेकर अमेरिकी कोर्ट का एक फैसला आने के बाद भारत में राजनीतिक हलचल बढ़ गई है. गुरुवार को लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने इस मामले की जांच के लिए एक जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (JPC) बनाने की मांग की. राहुल गांधी ने यह मांग संसद सत्र से पहले की है.

संसद का शीतकालीन सत्र 25 नवंबर से 20 दिसंबर तक चलने वाला है. सत्र शुरू होने से पहले अडानी का मुद्दा गरमाया हुआ है, और कहा जा रहा है कि इस पर संसद में काफी हंगामा हो सकता है. कांग्रेस के साथ AAP और TMC भी इस मुद्दे पर एकजुट नजर आ रहे हैं. राहुल गांधी ने कहा है कि इंडिया गठबंधन भी जल्द ही इस मामले पर एकजुट होगा. पिछली बार जब संसद में अडानी का मामला उठा था, तो कांग्रेस के साथ अन्य विपक्षी दल भी इसका विरोध कर रहे थे.

सीबीआई जांच की हो रही मांग

अब तक तृणमूल कांग्रेस की महुआ मोइत्रा और आम आदमी पार्टी के संजय सिंह ने इस मामले पर सवाल उठाए हैं और इसकी जांच की मांग की है. सीपीएम ने भी सीबीआई जांच की मांग की है. समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने इसे लंबी लड़ाई बताया है. फरवरी 2023 में अडानी मामले को लेकर लोकसभा तीन दिन तक नहीं चल पाई थी, लेकिन उस समय सरकार ने जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी की मांग को खारिज कर दिया था.

पानी के रास्ते व्यापार को बढ़ावा

इस सत्र में कुछ महत्वपूर्ण बिल भी पेश किए जाने हैं. सरकार ने संसद में कुल 15 बिल लोकसभा और 18 बिल राज्यसभा में पेश करने की योजना बनाई है. इनमें तटीय विधेयक 2024, भारतीय बंदरगाह विधेयक 2024, पंजाब न्यायालय (संशोधन) विधेयक 2024 और आपदा प्रबंधन (संशोधन) विधेयक 2024 प्रमुख हैं. इन विधेयकों के जरिए सरकार पानी के रास्ते व्यापार को बढ़ावा देने की कोशिश कर रही है.

विपक्षी दल कर रहे हैं इसका विरोध

इसके अलावा सरकार वक्फ संशोधन विधेयक और वन नेशन, वन इलेक्शन विधेयक भी पेश कर सकती है. वक्फ विधेयक पर फैसला संयुक्त संसदीय कमेटी की रिपोर्ट के बाद होगा. हाल ही में बीजेपी नेताओं ने इसके संकेत दिए हैं. वन नेशन, वन इलेक्शन विधेयक पर भी सरकार इस सत्र में फैसला ले सकती है, लेकिन कई विपक्षी दल इसका विरोध कर रहे हैं.

एक मिनट की कार्यवाही पर 2.5 लाख रुपए खर्च

एक रिपोर्ट के अनुसार, पूर्व लोकसभा स्पीकर पीडीटी आचारी ने बताया कि संसद की एक मिनट की कार्यवाही पर 2.5 लाख रुपए का खर्च आता है, जिसमें सुरक्षा और सांसदों के वेतन-भत्ते शामिल हैं. यह पैसा टैक्सपेयर्स से आता है, जो संसदीय कार्य संचालन के लिए खर्च होता है. First Updated : Friday, 22 November 2024