आज से बैंक लेन-देन,एफडी ब्याज दरें, यूपीआई भुगतान समेत बदले यह नियम..
व्यापारियों के लिए जीएसटी पोर्टल को और अधिक सुरक्षित बनाया जा रहा है। बहु-कारक प्रमाणीकरण (एमएफए) अब अनिवार्य होगा। व्यवसाय मालिकों को अपनी आईटी प्रणालियों को अद्यतन करने की आवश्यकता होगी। इससे जीएसटी पोर्टल पर ऑनलाइन लेनदेन पहले से अधिक सुरक्षित हो जाएगा।

व्यापारियों के लिए जीएसटी पोर्टल को और अधिक सुरक्षित बनाया जा रहा है। बहु-कारक प्रमाणीकरण (एमएफए) अब अनिवार्य होगा। व्यवसाय मालिकों को अपनी आईटी प्रणालियों को अद्यतन करने की आवश्यकता होगी। इससे जीएसटी पोर्टल पर ऑनलाइन लेनदेन पहले से अधिक सुरक्षित हो जाएगा।
नए महीने की शुरुआत के साथ ही लेन-देन से जुड़े कई अहम नियम बदल जाते हैं, जिसका असर आपकी जेब पर पड़ सकता है। इनमें एलपीजी सिलेंडर की कीमत, डीमैट अकाउंट नॉमिनेशन, फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) ब्याज दरें, यूपीआई भुगतान, टैक्स नियम और जीएसटी पोर्टल की सुरक्षा से जुड़े नियम शामिल हैं। ऐसी स्थिति में यह जरूरी है कि आप इन नियमों के बारे में पहले से ही अवगत रहें और अपनी वित्तीय योजना को उसके अनुसार समायोजित करें।
फंड खातों के लिए नामांकन प्रक्रिया में बदलाव
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने डीमैट और म्यूचुअल फंड खातों के लिए नामांकन प्रक्रिया में बदलाव किया है। निवेशक अब अधिकतम 10 नामांकित व्यक्ति जोड़ सकते हैं। यह नियम आज यानी 1 मार्च से लागू हो गया है। एकल खाताधारकों के लिए नामिती जोड़ना अनिवार्य होगा, जिससे भविष्य में धन का दावा करना आसान हो जाएगा। नामित व्यक्ति के लिए पैन, आधार (अंतिम चार अंक) या ड्राइविंग लाइसेंस नंबर देना आवश्यक होगा। संयुक्त खाते में, यदि एक खाताधारक की मृत्यु हो जाती है, तो धनराशि स्वचालित रूप से दूसरे खाताधारक को हस्तांतरित हो जाएगी।
वाणिज्यिक रसोई गैस सिलेंडर महंगे
हर महीने की शुरुआत में तेल कंपनियां एलपीजी सिलेंडर की कीमतें अपडेट करती हैं। सरकार ने 1 मार्च से 19 किलोग्राम वाले कमर्शियल गैस सिलेंडर की कीमत में 6 रुपये की बढ़ोतरी कर दी है। इस बढ़ोतरी के बाद दिल्ली में कमर्शियल सिलेंडर की कीमत 1,803 रुपये, कोलकाता में 1,913 रुपये और मुंबई में 1,755.50 रुपये हो गई है।
नए UPI भुगतान नियम लागू
यूपीआई के जरिए बीमा प्रीमियम भुगतान का नया नियम मार्च से लागू हो गया है। बीमा-एएसबीए सुविधा के तहत पॉलिसीधारक अपने बैंक खाते में बीमा प्रीमियम राशि को रोक सकते हैं। यदि बीमा कंपनी प्रस्ताव स्वीकार कर लेती है तो राशि स्वतः ही काट ली जाएगी। यदि प्रस्ताव अस्वीकार कर दिया जाता है, तो यह राशि खाते में पुनः अनब्लॉक कर दी जाएगी। यह परिवर्तन यूपीआई भुगतान को अधिक सुरक्षित बनाने के लिए किया गया है।