वंदे मातरम से जनगणमन तक..; PM मोदी ने बताई 'सेक्युलर सिविल कोड' की जरूरत; पढ़ें 103 मिनट के संबोधन की 10 बड़ी बातें
Independence Day 2024: लाल किले से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार 11वीं बार देश को संबोधित कर रहे हैं. पीएम मोदी ने कहा, आज पूरा देश तिरंगा है. हर घर तिरंगा है. ना कोई जात है, ना कोई पात है. सभी भारतीय हैं. तब हमारा विश्वास पक्का हो जाता है कि हमने दिशा और गति को मेंटेन किया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दौरान 'समान नागरिक संहिता' (Uniform Civil Code) की आवश्यकता पर जोर दिया.
Independence Day of India 2024: 78वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने लगातार 11वीं लाल किले (Red Fort) की प्राचीर से तिरंगा फहराया. पीएम को संबोधन पहले वंदे मातरम हुआ जिसके बाद उन्होंने राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि आज वो शुभ घड़ी है जब हम देश की आजादी के लिए मर मिटने वाले, अपना जीवन समर्पित करने वाले आजादी के दीवानों को नमन करने का ये पर्व है. ये देश उनका ऋणी है. ऐसे हर देशवासी के प्रति हम अपना श्रद्धा भाव व्यक्त करते हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दौरान 'सेक्युलर सिविल कोड' के बारे में समझाया है. पीएम मोदी ने कहा कि वो कानून जो देश को धर्म के नाम पर बांटते हैं उन्हें दूर किया जाना चाहिए. पीएम मोदी ने कहा कि देश में एक सेकुलर सिविल कोड की जरूरत है और गलत कानूनों का आधुनिक समाज में कोई जगह नहीं है. पीएम मोदी ने कहा कि मौजूदा नागरिक संहिता एक कम्युनल नागरिक संहिता है. अब हमें एक धर्मनिरपेक्ष नागरिक संहिता की आवश्यकता है. इस 103 मिनट के भाषण में उन्होंने कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की. आइए, जानते हैं उनके संबोधन की 10 बड़ी बातें
आज हम 140 करोड़ लोग हैं
पीएम मोदी ने आगे कहा, 'हमें गर्व है कि हमारे पास उन 40 करोड़ लोगों का खून है, जिन्होंने भारत से औपनिवेशिक शासन को उखाड़ फेंका. आज, हम 140 करोड़ लोग हैं.
एकता और अखंडता
उन्होंने यह भी बताया कि समान नागरिक संहिता से देश की एकता और अखंडता को बल मिलेगा. इससे विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक समूहों के बीच समानता बनी रहेगी.
'10 करोड़ महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं'
मोदी जी ने यह भी स्पष्ट किया कि हमारे देश के युवा तेजी से आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हैं. दस करोड़ बहनें महिला स्वयं सहायता समूहों से जुड़ चुकी हैं और आर्थिक रूप से स्वतंत्र हो रही हैं.
सभी धर्मों की समानता
उनके अनुसार, यह संहिता धर्म के आधार पर किसी भी भेदभाव को समाप्त करेगी और सभी धर्मों के लोगों को समान न्याय मिलेगा.
नई शिक्षा नीति की चर्चा
भारत के मेडिकल कॉलेजों में 75,000 नई सीटें बनाई जाएंगी. विकसित भारत 2047 भी 'स्वस्थ भारत' होना चाहिए और इसके लिए हमने राष्ट्रीय पोषण मिशन शुरू किया है.
समाज में एकता का संदेश
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि इस संहिता के जरिए समाज में एकता और सामंजस्य का संदेश जाएगा, जिससे सामाजिक तनाव कम होगा.
स्वतंत्रता और सम्मान
भाषण में उन्होंने बताया कि यह संहिता सभी नागरिकों की स्वतंत्रता और सम्मान की रक्षा करेगी और उनके धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार को भी ध्यान में रखेगी.
आर्थिक और सामाजिक विकास
मोदी जी ने यह भी कहा कि समान नागरिक संहिता से आर्थिक और सामाजिक विकास को प्रोत्साहन मिलेगा, क्योंकि इससे कानून की व्यवस्था में पारदर्शिता आएगी.
संविधान के मूल सिद्धांतों की पुष्टि
उनके अनुसार, यह संहिता संविधान के मूल सिद्धांतों की पुष्टि करेगी और कानून के सामने सभी को समान बनाएगी.
जनता का समर्थन
प्रधानमंत्री ने जनता से आह्वान किया कि वे समान नागरिक संहिता के समर्थन में अपनी राय व्यक्त करें और इसे लागू करने में सहयोग करें. पीएम मोदी ने 103 मिनट का भाषण दिया जिसके बाद जन गण मन हुआ और पीएम ने अपना संबोधन खत्म किया.