इंजेक्शन में पानी से लाशों तक: झांसी मेडिकल कॉलेज की गिरती साख पर सवाल

झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में हुए भीषण अग्निकांड ने व्यवस्थाओं की खामियां उजागर कर दीं. एसएनसीयू (स्पेशल न्यूबॉर्न केयर यूनिट) में आग लगने से 10 नवजात बच्चों की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि मृतकों की संख्या अब 12 हो चुकी है. यह हादसा न सिर्फ सुरक्षा प्रबंधन की विफलता को दर्शाता है, बल्कि कॉलेज की पुरानी अव्यवस्थाओं की कड़ी में एक और मामला जोड़ता है.

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Jhansi Medical College: झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में हुए भीषण अग्निकांड ने व्यवस्थाओं की पोल खोल दी है. इस हादसे में मृतकों की संख्या अब 12 हो गई है. शुक्रवार रात करीब 11 बजे मेडिकल कॉलेज के एसएनसीयू (स्पेशल न्यूबॉर्न केयर यूनिट) में आग लगने से 10 नवजात बच्चों की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई थी. इस घटना के बाद मेडिकल कॉलेज में सुरक्षा और प्रबंधन की गंभीर खामियां उजागर हुई हैं.

पहले भी विवादों में रहा है मेडिकल कॉलेज

यह हादसा कोई नई बात नहीं है. महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज पहले भी विवादों के केंद्र में रहा है. बीते वर्षों में कई ऐसी घटनाएं हुईं, जिनसे मेडिकल कॉलेज की व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े हुए हैं. कोरोना काल के दौरान यह खबर आई थी कि मेडिकल स्टाफ ने मरीजों को इंजेक्शन में पानी भरकर दिया था.

कार्यवाहक अधिकारियों के भरोसे मेडिकल कॉलेज

मेडिकल कॉलेज में स्थायी अधिकारियों की नियुक्ति न होना भी व्यवस्थाओं में गिरावट की बड़ी वजह है. वर्तमान में प्राचार्य डॉ. नरेंद्र सिंह सेंगर और सीएमएस डॉ. सचिन माहौर दोनों ही कार्यवाहक पदों पर कार्यरत हैं. स्थायी नेतृत्व के अभाव में कॉलेज की व्यवस्थाएं लचर बनी हुई हैं.

अव्यवस्थाओं की लंबी फेहरिस्त

मेडिकल कॉलेज की अव्यवस्थाएं आए दिन सुर्खियां बटोरती रहती हैं. यहां मोर्चरी में रखी लाशों को चूहों द्वारा कुतरने या कुत्तों द्वारा खाने की घटनाएं पहले भी सामने आ चुकी हैं. इस अग्निकांड के बाद कॉलेज की व्यवस्थाओं पर फिर से सवाल खड़े हो रहे हैं.

क्या व्यवस्था सुधर पाएगी?

इस दर्दनाक घटना के बाद जांच कमेटी का गठन किया गया है. रिपोर्ट आने के बाद ही यह स्पष्ट होगा कि कॉलेज में सुधार के कदम उठाए जाएंगे या नहीं. झांसी मेडिकल कॉलेज के लगातार विवादों और लापरवाहियों ने न केवल प्रशासन बल्कि समाज को भी झकझोर कर रख दिया है. क्या यह हादसा व्यवस्थाओं को सुधारने का सबक बनेगा या यह भी बाकी घटनाओं की तरह भूला दिया जाएगा, यह समय ही बताएगा.
  First Updated : Tuesday, 19 November 2024