G20 Summit: 'वसुधैव कुटुंबकम', ये वह ध्येय वाक्य है जिसका भारत सदियों से अनुकरण करता आ रहा है. भारत की जड़ों में विश्व को परिवार मानने का संकल्प हजारों वर्ष पुराना है. समय-समय पर भारत ने जरूरतमंद देशों की तरफ सबसे पहले हाथ बढ़ाकर ये साफ किया है कि भारत आज भी अपनी वर्षों पुरानी विश्व कल्याण की परंपरा को लेकर चलने वाला देश है. भारत के हाथों में G20 की अध्यक्षता आई तो ऐसे में भी भारत ने दुनिया को यही संदेश देने का प्रयास किया और कहा One Earth - One Family - One Future.
इसी वाक्य और संकल्प के साथ देश ने जी20 की सफल अध्यक्षता की. अगर दिल्ली जी20 घोषणापत्र को देखा जाए तो इसमें भी वसुधैव कुटुंबकम का मंत्र मिलता है. ये घोषणा पत्र इस बात की प्रतिबद्धता है कि आने वाले सालों में दुनिया में किस प्रकार से कार्य होगा. भारत ने कई मुद्दों को शामिल करते हुए 'नई दिल्ली लीडर्स घोषणा पत्र' तैयार किया था. जिसे सभी की सहमती से स्वीकार कर लिया गया है.
इसमें जिन विषयों को शामिल किया गया है वह इस प्रकार हैं-
अगर आप इस घोषणापत्र के सभी बिंदुओं को समझेंगे तो उनके मूल में वसुधैव कुटुम्बकम ही मिलता है. जी20 सम्मेलन के बाद भले ही विदेशी मेहमान यहां से प्रस्थान करने लगे हों लेकिन उनके दिलों में भारत की इस हजारों वर्ष पुरानी संस्कृति की छाप हमेशा रहेगी. राष्ट्रपति द्वारा आयोजित रात्रिभोज में भी कई मेहमान भारतीय रंग में रंगे नजर आए थे. भारतीय परिधानों के प्रति उनकी जागरुकता और पसंद देखते ही बनती थी.
इस सबके इतर कई राष्ट्राध्यक्षों ने कहा कि भारत ने विश्व को परिवार मानने की राह दिखाई है. भारत के सफल और उत्कृष्ट जी20 आयोजन के लिए तमाम राष्ट्राध्यक्षों ने भारत सरकार की तारीफ भी की है. फ्रांस के प्रधानमंत्री ने भी जाते हुए ट्वीट कर कहा - वसुधैव कुटुंबकम.