गैंगस्टर: जब किसी अपराधी को गैंगस्टर घोषित किया जाता है...कैसी होती है ये कानूनी प्रक्रिया, क्या होती है सजा?

हाल ही में महाराष्ट्र के नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या ने सबको हिला दिया. इस मामले में गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का नाम सामने आया है. लेकिन सवाल है, गैंगस्टर किसे कहते हैं और उन्हें कैसे घोषित किया जाता है? जानिए गैंगस्टर एक्ट की प्रक्रिया, सजा और इससे जुड़े अहम पहलुओं के बारे में. क्या वाकई ये कानूनी कदम हमारे समाज को सुरक्षित बना पाएंगे? जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर!

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Edited By: JBT Desk

Gangster Identification: गैंगस्टर का मतलब होता है वह व्यक्ति जो किसी आपराधिक समूह का हिस्सा होता है और जो अवैध तरीकों से लाभ कमाता है. इसे भारत के गैंगस्टर एक्ट 1986 में स्पष्ट रूप से परिभाषित किया गया है. इस एक्ट के तहत केवल हत्या जैसे गंभीर अपराध ही नहीं, बल्कि कई अन्य आपराधिक गतिविधियां भी शामिल हैं.

किसी अपराधी को गैंगस्टर घोषित करने के लिए एक विधिक प्रक्रिया होती है. जब कोई व्यक्ति किसी गैंग के साथ मिलकर अपराध करता है या एक से अधिक लोगों की मदद लेकर अपराध करता है तो उसे गैंगस्टर माना जा सकता है.

किसी को गैंगस्टर कैसे घोषित किया जाता है?

दरअसल इस प्रक्रिया की शुरुआत होती है थाने के प्रभारी द्वारा. वह एक चार्ट तैयार करते हैं जिसे गैंग चार्ट कहते हैं. इसमें सभी अपराधियों और उनके द्वारा किए गए अपराधों की जानकारी होती है. चार्ट तैयार होने के बाद, थाना प्रभारी इसे अपने वरिष्ठ अधिकारियों को दिखाते हैं. फिर यह चार्ट एसपी (सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस) से होते हुए जिले के डीएम (डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट) तक पहुंचता है. डीएम इसे जांचने के बाद मंजूरी देता है. मंजूरी मिलने पर उन सभी अपराधियों को गैंगस्टर घोषित कर दिया जाता है.

गैंगस्टर एक्ट के तहत सजा क्या है?

गैंगस्टर एक्ट के तहत सजा का प्रावधान राज्यों में अलग-अलग हो सकता है लेकिन आमतौर पर अपराधियों को 5 से 10 साल की जेल हो सकती है. कुछ मामलों में सजा को आजीवन कारावास तक बढ़ाया जा सकता है. जैसे कि उत्तर प्रदेश में गैंगस्टर एक्ट के तहत कम से कम 2 साल और अधिकतम 10 साल की सजा का प्रावधान है.

हालिया घटनाक्रम

हाल ही में महाराष्ट्र के नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या के बाद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई ने सोशल मीडिया पर हत्या की जिम्मेदारी ली है. पुलिस अभी इस बात की जांच कर रही है कि क्या इस मामले में बिश्नोई या उसका गैंग शामिल था. यह घटना दिखाती है कि गैंगस्टरों का अपराधीकरण और उन पर कानूनी कार्रवाई कितनी गंभीर होती जा रही है.

समाज में सुरक्षा और कानून-व्यवस्था

गैंगस्टर का यह मामला न सिर्फ कानूनी प्रक्रिया की जटिलताओं को दर्शाता है बल्कि यह समाज में सुरक्षा और कानून-व्यवस्था के लिए भी एक चुनौती है. जब तक इस तरह के अपराधों को रोकने के लिए सख्त कदम नहीं उठाए जाते, तब तक कानून और व्यवस्था की स्थिति में सुधार होना मुश्किल है. गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई करना केवल कानून का काम नहीं, बल्कि समाज की सुरक्षा के लिए भी आवश्यक है. 

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17 October 2024, 03:42 PM IST

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