Gautam Adani on Hindenburg: 'बदनाम करने की थी साजिश, एक साल बाद हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर अडानी ने तोड़ी चुप्पी
Gautam Adani on Hindenburg: हिंडनबर्ग रिपोर्ट गौतम अडानी ने चुप्पी तोड़ते हुए इसे एक साजिश बताया. उनका ये बनाया रिपोर्ट आने के एक साल बाद सामने आया है.
Gautam Adani on Hindenburg: हिंडनबर्ग रिपोर्ट में अडानी समूह पर कई आरोप लगाए गए थे. इस रिपोर्ट के एक साल बाद अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी का बयाान सामने आया है. अडानी ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर कहा कि ''ये सिर्फ अडानी ग्रुप को अस्थिर करने और भारत में मौजूदा प्रशासन को बदनाम करने की एक साजिश थी.''
''बदनाम करने की थी साजिश''
हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए गौतम अडानी ने कहा, "पिछले साल, 24 जनवरी को हम पर एक अमेरिकी शॉर्ट सेलर ने बड़े पैमाने पर हमला किया था. इसका मकसद सिर्फ हमे पीछे करना नहीं बल्कि इस जौरान हम भारत के इतिहास में सबसे बड़ी फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफरिंग (एफपीओ) लॉन्च करने की प्लान बना रहे थे. इस दौरान उनकी इस रिपोर्ट से भारत की शासन प्रथाओं को राजनीतिक रूप से बदनाम करके हमारे स्टॉक की कीमतों में जानबूझकर गिरावट के माध्यम से मुनाफा कमाना था.
अडानी ने कहा कि ''हमारी नींव को हिलाने की कोशिशों के बावजूद, हम दृढ़ रहे, न केवल अपने मान सम्मान की रक्षा की बल्कि यह भी सुनिश्चित किया कि हम अपने काम पर ध्यान केंद्रित रखें.''
क्या था हिंडनबर्ग रिपोर्ट में?
24 जनवरी, 2023 को, हिंडनबर्ग ने अदानी समूह की कंपनियों के खिलाफ अपनी रिपोर्ट पब्लिश की थी. इस रिपेर्ट में आरोप लगाया गया कि अडानी ग्रुप धोखाधड़ी वाले लेनदेन, धोखाधड़ी के साथ-साथ शेयर बाजार में हेरफेर में शामिल था. इससे अडानी समूह की कंपनियों के शेयरों में बड़े पैमाने पर गिरावट आई और निवेशकों की 111 अरब डॉलर की संपत्ति खत्म हो गई थी. गौतम अडानी को 2023 की शुरुआत में दुनिया के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति चुना गया था, लेकिन रिपोर्ट जारी होने के बाद शीर्ष 20 से भी बाहर हो गए थे.