कोरोना की तरह घातक हुआ GBS, महाराष्ट्र में 2 और मरीजों की मौत, जानिए वायरस कितना खतरनाक?

Guillain-Barré Syndrome (GBS): महाराष्ट्र में गुलियन बैरे सिंड्रोम (GBS) का प्रभाव लगातार बढ़ता जा रहा है. हाल ही में पुणे और पिंपरी चिंचवाड़ में इस वायरस से दो और मरीजों की मौत हो गई है. अब तक राज्य में कुल चार लोगों की जान जा चुकी है. इसके अलावा तेलंगाना में भी जीबीएस का एक मामला सामने आया है.

GBS Virus Havoc: जीबीएस यानी गुलियन बैरे सिंड्रोम अब कोरोना वायरस की तरह घातक साबित हो रहा है. जहां एक ओर इसके नए मामलों में बढ़ोतरी हो रही है, वहीं इससे होने वाली मौतों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है. शुक्रवार को महाराष्ट्र में दो और लोगों की मौत इस वायरस से हुई. इसके अलावा तेलंगाना में भी जीबीएस का एक मामला सामने आया है. 

हैदराबाद में अधिकारियों ने बताया कि सिद्दीपेट जिले की 25 वर्षीय महिला को गंभीर हालत में सिकंदराबाद के केआईएमएस अस्पताल में भर्ती कराया गया था और उसे वेंटिलेटर पर रखा गया था. पिंपरी चिंचवाड़ में इस वायरस से एक 36 वर्षीय व्यक्ति की जान चली गई, वहीं पुणे में भी एक और मरीज की मौत हो गई. पुणे में सबसे ज्यादा जीबीएस के मामले सामने आए हैं, जहां अब तक 130 मरीज रिपोर्ट हो चुके हैं. 

पुणे में अब तक तीन मौतें: 

इससे पहले गुरुवार को पुणे में जीबीएस वायरस से एक महिला की मौत हो गई थी, और इससे पहले वायरस ने एक पुरुष की भी जान ली थी. इस तरह पुणे में जीबीएस से अब तक तीन मौतें हो चुकी हैं. 

स्वास्थ्य विभाग का कदम:  

24 जनवरी को राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने इस बढ़ते संक्रमण की जांच के लिए एक रैपिड रिस्पांस टीम (आरआरटी) गठित की थी. इस टीम ने शुरुआत में 24 संदिग्ध मामलों की पहचान की और प्रभावित क्षेत्रों में निगरानी रखना शुरू किया. पुणे नगर निगम क्षेत्र में 1,943 घरों और पिंपरी-चिंचवड़ नगर निगम सीमा में 1,750 घरों का सर्वे किया गया. इसके अलावा जिले के ग्रामीण इलाकों में भी 3,522 घरों का सर्वेक्षण किया गया.

क्या है GBS?  

गुलियन बैरे सिंड्रोम (GBS) एक दुर्लभ न्यूरोलॉजिकल विकार है, जिसमें शरीर के हिस्सों में अचानक सुन्नपन और मांसपेशियों में कमजोरी हो जाती है. इसके साथ ही हाथ-पैरों में गंभीर कमजोरी जैसे लक्षण भी दिखाई देते हैं. चिकित्सकों के अनुसार, यह बीमारी आमतौर पर वायरस और बैक्टीरियल संक्रमण के कारण होती है, जो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर कर देते हैं.

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01 February 2025, 06:47 PM IST

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