Tuberculosis (TB) In Ghaziabad: गाजियाबाद जिले के लोनी क्षेत्र में टीबी (Tuberculosis) के मामलों में अचानक आई वृद्धि ने स्वास्थ्य विभाग की चिंताएं बढ़ा दी हैं. मौजूदा वित्त वर्ष में अब तक 3800 से अधिक मरीज सामने आ चुके हैं. खास बात यह है कि हर दिन 2 से 5 मरीज ऐसे मिल रहे हैं, जो तीन महीने तक बीमारी की जांच कराने से झिझकते रहते हैं और फिर देर से जांच करवाते हैं. इस बढ़ते आंकड़े ने लोनी को टीबी का हॉटस्पॉट बना दिया है, जिससे स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों के लिए चुनौती और भी गंभीर हो गई है.
टीबी के मामले क्यों बढ़ रहे हैं?
आपको बता दें कि लोनी में टीबी मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ने का मुख्य कारण दिल्ली से जांच कराकर दवाएं लोनी में लेना बताया जा रहा है. इससे पहले खोड़ा और विजयनगर क्षेत्रों में अधिकतम मरीज मिलते थे, लेकिन अब लोनी नया हॉटस्पॉट बन चुका है. रिपोर्ट्स के अनुसार, हर दिन 2 से 5 मरीज ऐसे ट्रेस किए जा रहे हैं जो तीन महीने तक जांच कराने में असमंजस में रहते हैं. इससे संक्रमण की चेन बढ़ती जा रही है और टीबी मुक्त भारत अभियान प्रभावित हो रहा है.
टीबी के मरीजों की स्थिति
वहीं आपको बता दें कि चालू वित्त वर्ष में गाजियाबाद जिले में कुल 18,000 से अधिक मरीज नोटिफाइड किए गए हैं. इनमें से अधिकतर मरीज लोनी क्षेत्र से हैं. संक्रमण रोकथाम के लिए पिछले तीन महीनों से संक्रमित व्यक्तियों के परिवार के बच्चों सहित अन्य सदस्यों को टीबी प्रिवेंटिव थेरेपी (टीपीटी) के तहत तीन महीने में 12 डोज़ दी जा रही हैं.
पढ़ें ये आंकड़े ...
क्षेत्र का नाम | टीबी मरीजों की संख्या |
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सीवाई-टीबी त्वचा जांच, संक्रमण की पहचान में नई सुविधा
बताते चले कि जिले में जल्द ही सीवाई-टीबी नामक अगली पीढ़ी की त्वचा जांच शुरू की जाएगी. इस टेस्ट में दो विशेष प्रोटीन, एएसटीए-6 और सीएफपी-10, का उपयोग किया जाता है, जो टीबी संक्रमण का सटीक पता लगाने में मददगार साबित होंगे. जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. अनिल यादव ने बताया कि लखनऊ से वायल मंगाई गई हैं और अगले पांच दिनों में यह सुविधा शुरू कर दी जाएगी.
टीबी के प्रमुख लक्षण
- तीन सप्ताह से अधिक समय तक खांसी
- बुखार और थकान
- वजन घटना और रात को पसीना आना
- सांस लेने में परेशानी और सीने में दर्द
टीबी से बचाव के उपाय
- बीसीजी का टीका लगवाएं.
- खांसते या छींकते समय मुंह और नाक ढकें.
- टीबी मरीजों को दवाएं नियमित रूप से लेनी चाहिए और बीच में दवा नहीं छोड़नी चाहिए.
सामुदायिक प्रयास और सरकार की योजनाएं
इसके अलावा आपको बता दें कि जिले में टीबी रोकथाम के लिए सामुदायिक सर्वेक्षण और जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं. मरीजों को निक्षय योजना के तहत 1000 रुपये की आर्थिक सहायता और पोषण पोटली दी जा रही है. स्वास्थ्य विभाग द्वारा लोनी क्षेत्र में अतिरिक्त टीबी शिविर लगाने की भी योजना है.