Air Pollution : दुनियाभर में वायु प्रदूण और जलवायु परिवर्तन बहुत गंभीर समस्या है. बड़े-बड़े ग्लेशियर पिघलने लगे हैं और ब्राजील जैसे जंगलों में अपने आप आग लगने की घटनाएं हमेशा देखने-सुनने को मिलती है. बेमौसम बरसात, तापमान में बढ़ोतरी समेत कई तरह की समस्याओं से लोगों को सामना करना पड़ा रहा है. इन्ही सभी मुद्दों को ध्यान में रखते हुए 2 और 3 अगस्त गोवा में एक कार्यशाला आयोजित की गई. इसका आयोजन यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (यूएसएआईडी) और वाइटल स्ट्रैटेजीज़ ने करवाया. कार्यक्रम का उद्देश्य वायु प्रदूषण पर बेहतर रिपोर्टिंग और डेटा के सही इस्तेमाल करना था.
गोवा में आयोजित इस वर्कशॉप देश भर के स्वास्थ्य और पर्यावरण से जुड़े पत्रकारों ने हिस्सा लिया। जलवायु और वायु प्रदूषण संबंधी जोखिमों को आम लोगों तक पहुंचाने में मीडिया अहम भूमिका निभा सकता है। कार्यशाला को यूएसएआईडी की स्वच्छ वायु और बेहतर स्वास्थ्य परियोजना के समर्थन से प्रायोजित किया गया था, जोकि भारत में वायु प्रदूषण के जोखिम को कम करने के लिए काम कर रहा है। मीडिया की समाज में महत्वपूर्ण भूमिका होता है. मीडिया के माध्यम से लोगों को वायु प्रदूषण के जोखिमों से निपटने पर इसके रोकने के लिए सलाह दी जा सकता है.
वायु प्रदूषण हमारे स्वास्थय के लिए बहुत खतरनाक है. इसके लिए भारत सरकार, कम्यूनिटी और प्राइवेट सेक्टर ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन और वायु प्रदूषकों को कम करने के लिए यूएसएआईडी के साथ मिलकर काम कर रहे है. जिससे जनता की सेहत को अच्छा रखा जा सके. गरीबी और असमानता कम होती है और जलवायु परिवर्तन के प्रभाव कम होते हैं। सरकार की ओर से लोगों को अधिक से अधिक पेड़ लगाने को भी कहा जाता है. First Updated : Sunday, 06 August 2023