How Government Declares a Person as Terrorist: सोमवार 1 जनवरी को भारत सरकार ने गोल्डी बराड़ को गैंगस्टर से आतंकी घोषित किया कर दिया है. गोल्डी बराड़ का नाम जाने-माने पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या का भी आरोप है. भारत से कनाडा भागने के बाद वो खालिस्तानी समर्थक के साथ मिलकर भारत के खिलाफ कई काम किए हैं और आपराधिक और आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम दे रहा है.
हालांकि, इस मामले को गंभीरता से लेते हुए भारत सरकार ने गोल्डी बराड़ को आतंकवादी घोषित कर दिया है. इस मामले को लेकर कई लोगों के मन में ये सवाल है कि, आखिर किसी अपराधी को आतंकवादी कैसे घोषित किया जाता है? इसकी पूरी प्रक्रिया क्या है जिसके तहत सरकार आतंकवाद घोषित करती है तो चलिए इन सभी सवालों का जवाब जानते हैं.
भारत एक ऐसा देश है जो आतंकवाद से गंभीर रूप से पीड़ित देशों की श्रेणी में है. इन्ही गतिविधियों को रोकने के लिए साल 1967 में रोकथाम अधिनियम बनाया गया था. इस अधिनियम में आतंकवाद के खिलाफ कई प्रावधान थे जिसकी मदद से आतंकवादी संगठनों को पहचान कर उनकी गतिविधियों को रोकने में मदद मिली लेकिन बाद में देश में बढ़ते आतंकवादियों की गतिविधियों को रोकने के लिए साल 2019 में इस अधिनियम में कई और बदलाव किए गए. इस संशोधन के जरिये यह सुनिश्चित किया गया कि, आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम दे रहे किसी भी व्यक्ति को आतंकवादी घोषित कर उसके खिलाफ जल्द जांच और कार्रवाई की जा सके.
पहले किसी भी इंसान को आतंकवादी घोषित करने का प्रावधान नहीं था जिस वजह से अपराधियों को पकड़ना या कार्रवाई करना बेहद मुश्किल होता था. UAPA के अलावा दूसरे कोई कानून भी नहीं था जिसकी मदद से आतंकवादियों की गतिविधियों पर लगाम लगाई जा सके. इसलिए कानून में संशोधन के बाद यह तय हुआ कि, अगर कोई भी व्यक्ति देश की अखंडता, एकता, सुरक्षा या संप्रभुता को खतरा पैदा करता है तो उसको आतंकवादी घोषित किया जा सकता है.
UAPA संशोधन के बाद केंद्र सरकार को यह अधिकार दिया गया कि वह ऐसे किसी भी व्यक्ति जो आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देता है या फिर उनमे शामिल है ऐसे व्यक्ति या संगठन को आतंकवादी ठहरा सकती है. इस मामले में केंद्र सरकार उस व्यक्ति या संगठन के खिलाफ सबूत जुटाती है और बात सही होने पर उसे आतंकवादी करार दे सकती है.
हालांकि किसी भी व्यक्ति को आतंकवादी ठहराने से पहले UAPA के तहत मिले अधिकार के जरिए केंद्रीय गृह मंत्रालय गजैट नोटिफिकेशन जारी करती है. इस नोटिफिकेशन में वे सारे आरोप होते जिनके आधार पर सरकार यह तय करती है कि, वह व्यक्ति आतंकवादी है या नहीं.
गौरतलब है कि, केंद्र सरकार ने गोल्डी बराड़ को आतंकवादी ठहराने से पहले इसी कानून के तहत जम्मू-कश्मीर के अलगाववादी संगठन तहरीक-ए-हुर्रियत पर प्रतिबंध लगाया था और उसे आतंकवादी संगठन करार दिया था.
आपको बता दें कि, किसी व्यक्ति को अगर आतंकवादी घोषित किया जाता है तो वह इसके खिलाफ अपील कर सकता है. ऐसे व्यक्ति को गृह सचिव के पास अपील करनी होती है. इस अपील पर अपील के बारे में गृह सचिव को 45 दिनों के भीतर फैसला लेना होता है. इसके अलावा आतंकवादी घोषित व्यक्ति या संगठन इस मामले के खिलाफ हाईकोर्ट में भी अपील कर सकता है. First Updated : Tuesday, 02 January 2024