अंडमान निकोबार की राजधानी का नाम बदला, जानिए वजह और नया नाम?
Andaman and Nicobar Capital: सरकार ने अंडमान निकोबार की राजधानी पोर्ट ब्लेयर का नाम बदल दिया गया है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि यह "राष्ट्र को औपनिवेशिक छापों से मुक्त करने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नजरिये" को साकार करने के लिए किया गया है.
Andaman and Nicobar Capital: सरकार ने शुक्रवार को अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह की राजधानी पोर्ट ब्लेयर का नाम बदल दिया है. पोर्ट ब्लेयर का नाम बदलकर अब श्री विजयपुरम कर दिया गया है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि यह "राष्ट्र को औपनिवेशिक छापों से मुक्त करने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नजरिये" को साकार करने के लिए किया गया है. उन्होंने कहा, "यह वह स्थान भी है, जहां नेताजी सुभाष चंद्र बोस जी ने पहली बार तिरंगा फहराया था और यह वह सेलुलर जेल भी है, जहां वीर सावरकर जी और अन्य स्वतंत्रता सेनानियों ने स्वतंत्र राष्ट्र के लिए संघर्ष किया था."
अमित शाह ने आगे कहा, "अंडमान और निकोबार द्वीप समूह का हमारे स्वतंत्रता संग्राम और इतिहास में अद्वितीय स्थान है. यह द्वीप क्षेत्र, जो कभी चोल साम्राज्य के नौसैनिक अड्डे के तौर पर काम करता था, आज हमारी रणनीतिक और विकास आकांक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण आधार बनने के लिए तैयार है."
इससे पहले 2018 में, पीएम मोदी ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस को श्रद्धांजलि देते हुए अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के तीन द्वीपों का नाम बदल दिया था. तीन द्वीपों - रॉस द्वीप, नील द्वीप और हैवलॉक द्वीप - का नाम बदलकर क्रमशः नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वीप, शहीद द्वीप और स्वराज द्वीप कर दिया गया था.
निकोबार द्वीप केंद्र सरकार द्वारा ₹72,000 करोड़ की परियोजना को लेकर चर्चा में है. जिसके बारे में कुछ लोगों को डर है कि इससे स्थानीय शोम्पेन जनजाति विस्थापित हो सकती है.
शोम्पेन मुख्य रूप से संपर्क रहित खानाबदोश शिकारी हैं, जिनकी निकोबार द्वीप पर आबादी 244 है. स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों ने दावा किया कि यह परियोजना ऐसे क्षेत्र के लिए प्रस्तावित है, जहां शोम्पेन नहीं रहते हैं, क्योंकि वे 2004 की सुनामी के बाद पहले ही जंगलों में चले गए थे.