UPI के लिए सरकार की नई इन्सेंटिव योजना: छोटे व्यापारियों को मिलेगा फायदा
सरकार की इस पहल से डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा मिलेगा और छोटे व्यापारियों को भी अपनी सेवाओं को डिजिटल माध्यम से स्वीकार करने में सहायता मिलेगी, जो अंततः भारतीय अर्थव्यवस्था को और मजबूत बनाएगा. इस इन्सेंटिव योजना के तहत सरकार डिजिटल भुगतान अवसंरचना को मजबूत करने और UPI के जरिए भारतीय डिजिटल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठा रही है.

UPI incentive scheme: केंद्र सरकार ने 19 मार्च 2025 को एक अहम फैसला लिया, जिसके तहत छोटे व्यापारी 2000 रुपये तक के UPI (Unified Payments Interface) लेनदेन पर 0.15% का इन्सेंटिव प्राप्त कर सकते हैं. यह योजना वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए लागू की गई है और इसका मुख्य उद्देश्य छोटे ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देना है. इस योजना का अनुमानित खर्च 1500 करोड़ रुपये है, जो छोटे व्यापारियों के लिए एक बड़ी राहत होगी.
इस योजना के तहत, 2000 रुपये तक के प्रत्येक UPI लेनदेन पर छोटे व्यापारी 0.15% का इन्सेंटिव प्राप्त करेंगे. वहीं, बड़े व्यापारी इस योजना के दायरे में नहीं आएंगे और उन्हें कोई इन्सेंटिव नहीं मिलेगा. सरकार का कहना है कि इस पहल का उद्देश्य छोटे व्यापारियों को डिजिटल भुगतान की दिशा में प्रोत्साहित करना है और उन्हें UPI सेवाओं का लाभ बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के प्राप्त हो सके.
छोटे व्यापारियों को मिलेगा फायदा
सरकारी बयान में बताया गया है कि इस योजना से ग्राहकों को तेज, सुरक्षित और सुविधाजनक भुगतान विकल्प मिलेंगे. इसके अलावा, यह योजना डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने में मदद करेगी और लोगों को लोन जैसी वित्तीय सेवाओं तक बेहतर पहुंच प्रदान करेगी. इस योजना का एक बड़ा फायदा यह है कि छोटे व्यापारी बिना किसी अतिरिक्त खर्च के UPI के माध्यम से भुगतान स्वीकार कर सकेंगे, जिससे उन्हें अपना व्यवसाय और ग्राहक आधार बढ़ाने में मदद मिलेगी.
योजना का उद्देश्य?
इस योजना के तहत, बैंकों को हर तिमाही में स्वीकृत दावों का 80% बिना किसी शर्त के वितरण करना होगा, जबकि शेष 20% को कुछ शर्तों के अधीन दिया जाएगा. यह शर्तें बैंकों की तकनीकी स्थिति और सिस्टम अपटाइम पर आधारित होंगी. इसके साथ ही, सरकार का लक्ष्य इस योजना के माध्यम से देशभर में डिजिटल लेनदेन की संख्या और मूल्य दोनों को बढ़ाना है.
पिछले तीन वर्षों में सरकार ने डिजिटल लेनदेन को प्रोत्साहित करने के लिए 7000 करोड़ रुपये से अधिक की प्रोत्साहन राशि वितरित की है. इसके साथ ही, छोटे और दूरदराज के क्षेत्रों में UPI की पहुंच को बढ़ाने के लिए विभिन्न समाधान पेश किए गए हैं.