Delhi Air Pollution: इस समय दिल्ली और एनसीआर में आसमान में धुंध छाई हुई है, जिससे विजिबिलिटी बहुत कम हो गई है और सड़कों पर ट्रैफिक भी काफी धीमा चल रहा है. लंबी-लंबी कारों की कतारें सड़कों पर नजर आ रही हैं. यह धुंध लोगों के लिए बड़ी परेशानी का कारण बन गई है. लोग खांसी, आंखों में जलन और सांस की तकलीफ जैसी समस्याओं से परेशान हैं. फिलहाल प्रदूषण से राहत मिलने की कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही है, और अब दिल्ली में ग्रैप-3 लागू कर दिया गया है. यह देखना होगा कि इससे कितनी राहत मिलती है.
हर साल दिल्ली में प्रदूषण को कंट्रोल करने के लिए योजनाएं बनाई जाती हैं, लेकिन इन योजनाओं का असर हमेशा बहुत कम ही नजर आता है. नवंबर आते-आते दिल्ली धुंए में घिर जाती है. इस समय ग्रैप-1, ग्रैप-2, ग्रैप-3 और ग्रैप-4 जैसे कदम उठाए जाते हैं, लेकिन कोई ठोस राहत नहीं मिलती. अब दिल्ली के सभी प्राइमरी स्कूलों (कक्षा 5 तक) में ऑनलाइन क्लासेस शुरू कर दी गई हैं.
ग्रैप-3 लागू होते ही दिल्ली-एनसीआर में कई पाबंदियां लग गई हैं. अब दिल्ली में BS-3 पेट्रोल और BS-4 डीजल गाड़ियां नहीं चल सकतीं. इसके अलावा, नए भवनों के निर्माण और तोड़फोड़ पर भी रोक लगा दी गई है. दिल्ली के प्रमुख इलाकों में प्रदूषण को कम करने के लिए पानी का छिड़काव भी किया जाएगा. इसके साथ ही, अब इंटर-स्टेट बसों, BS-6 डीजल बसों, और इलेक्ट्रिक CNG गाड़ियों को दिल्ली में आने की अनुमति दी गई है.
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि अगर प्रदूषण की स्थिति और खराब होती है, तो और भी कड़े कदम उठाए जाएंगे. उन्होंने इस स्थिति के लिए हवा की गति धीमी और तापमान में गिरावट को जिम्मेदार ठहराया. सीपीसीबी (केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड) के अनुसार, दिल्ली में गुरुवार को AQI 428 था, जो गंभीर श्रेणी में आता है.
दिल्ली में प्रदूषण की समस्या पूरे साल रहती है, लेकिन नवंबर के महीने में यह और बढ़ जाती है. दिवाली के आसपास पटाखों की बिक्री और हरियाणा और पंजाब में पराली जलाने की वजह से प्रदूषण और बढ़ जाता है. दिवाली के बाद कुछ दिन राहत मिली, लेकिन अब फिर से धुंध का गुबार आसमान में फैल गया है. इस बार दिवाली के आसपास AQI 300 के आसपास था, लेकिन अब AQI 400 के पार पहुंच गया है.
प्रदूषण के बढ़ने से लोग सांस संबंधी समस्याओं का सामना कर रहे हैं. एक सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली-NCR में हर तीसरे परिवार को कफ सिरप खरीदना पड़ रहा है. करीब 13% लोग इन्हेलर या नेबुलाइज़र का इस्तेमाल कर रहे हैं. इस प्रदूषण से दिल्ली के लोग गंभीर रूप से प्रभावित हैं, और अभी तक कोई स्थायी समाधान नजर नहीं आ रहा है. First Updated : Friday, 15 November 2024