Greater Chennai Corporation: क्या आपने कभी सोचा है कि कभी लिपस्टिक के कारण तबादला हो सकता है. अगर ऐसा होने लगे तो देश में तो तबादलों की लाइन लग जाए. हालांकि, ऐसा अजीबो-गरीब मामला सामने आया है चेन्नई से जहां लिपस्टिक लगाने के कारण एक महिला कर्मचारी का ट्रांसफर कर दिया गया है. ग्रेटर चेन्नई नगर निगम ने अपनी पहली महिला दफादार का ट्रांसफर यही कारण बताकर किया है. हालांकि, महिला दफादार ने इसकी खिलाफत करते हुए इसे मानवाधिकारों के खिलाफ बताया है.
ग्रेटर चेन्नई कॉर्पोरेशन की पहली महिला दफेदार (मेयर के औपचारिक दल का हिस्सा होती हैं) को पिछले महीने आधिकारिक काम के दौरान लिपस्टिक लगाने पर विवाद के चलते मेयर कार्यालय से हटा दिया गया है. इसके बाद उन्होंने अब इसके खिलाफ कदम उठाया है.
50 वर्षीय एसबी माधवी को स्थानांतरण आदेश उस वक्त मिला जब उन्होंने मेयर आर प्रिया के निजी सहायक शिवा शंकर से यह पूछा कि किसी को लिपस्टिक पहनने से क्यों रोका गया है.
माधवी ने 6 अगस्त को शंकर के मेमो का जवाब देते हुए लिखा कि आपने मुझे लिपस्टिक लगाने से मना किया लेकिन मैंने लगाई. अगर यह अपराध है तो मुझे सरकारी आदेश दिखाएं जो लिपस्टिक लगाने पर रोक लगाता हो. यह ग्रेटर चेन्नई कॉर्पोरेशन है और इस तरह के निर्देश मानवाधिकारों का उल्लंघन हैं. आपका मेमो तभी मान्य होता जब मैं ड्यूटी के दौरान काम न कर रही होती.
मेयर प्रिया ने कहा कि महिला दिवस के मौके पर रिपन बिल्डिंग्स में आयोजित फैशन शो में दफेदार की भागीदारी की आलोचना हुई थी. यह बात उन्हें बताई गई थी. साथ ही दफेदार ने मैट लिपस्टिक लगाई थी जो काफी आकर्षक थी. मेयर कार्यालय में अक्सर मंत्रियों और दूतावास अधिकारियों का आना-जाना होता है इसलिए मेरे पीए ने उन्हें ऐसी लिपस्टिक न लगाने को कहा था.
डीएमके पार्टी से आने वाली मेयर प्रिया ने स्पष्ट किया कि माधवी का स्थानांतरण लिपस्टिक लगाने के मामले से जुड़ा नहीं है. माधवी, जो एक सिंगल पैरेंट हैं, ने कहा कि दूरस्थ मैनाली ज़ोन में स्थानांतरण उनके लिए "दंड स्वरूप पोस्टिंग" जैसा है. जबकि अन्ना नगर अंबत्तूर और वालसरवक्कम नजदीक थे.