गुजरात की स्पेशल कोर्ट ने गुरूवार को 2022 के सांप्रदायिक दंगों के दौरान नरोदा ग्राम में 11 लोगों की हत्या मामले में फैसला सुनाया है। अदालत ने नरोदा ग्राम हिंसा में बीजेपी की पूर्व विधायक और पूर्व मंत्री माया कोडनानी, बजरंग दल के नेता बाबू बजरंगी समेत 68 आरोपी को बरी कर दिया है। नरोदा हत्याकांड में 11 लोगों की हत्या हुई थी।
दरसअल, 2022 गुजरात दंगों के दौरान अयोध्या से लौट रही साबरमती एक्सप्रेस के डिब्बे में पेट्रोल डालकर गोधरा में कई लोगों को जिंदा जला दिया गया था। इस घटना के बाद गोधरा में कर्फ्यू लगा दिया गया था। उस दौरान अहमदाबाद समेत पूरे राज्य में सांप्रदायिक दंगे भड़क गए थे। इन दंगों की चपेट में गुजरात के कई शहर और गांव आ गए थे। इस बीच 28 फरवरी, 2022 को नरोदा गांव में कथित तौर पर 11 लोगों को जिंदा जला दिया गया था।
इन 11 लोगों की हत्या मामले के कुल 86 लोगों की आरोपी बनाया गया था। इनमें बीजेपी की पूर्व विधायक माया कोडनानी और बजरंग दल के नेता बाबू बजरंगी भी शामिल है। जबकि इस मामले के 18 आरोपियों की सुनवाई के दौरान मौत हो गई है। गोधरा कांड में 58 यात्रियों की मौत के एक दिन बाद 28 फरवरी को अहमदाबाद के नरोदा ग्राम में हिंसा भड़क गई थी।
नरोदा हिंसा मामले में 2009 में अदालत की कार्यवाही शुरू हुई थी, जिसमें 327 लोगों के अपने बयान दर्ज किए थे। 2012 में एसआईटी मामलों की विशेष अदालत ने पूर्व मंत्री माया कोडमानी और बजरंग दल के नेता बाबू बजरंगी को हत्या करने और दंगों की साजिश रचने का दोषी पाया था। माया कोडनानी पर आरोप लगाया गया कि उन्होंने गोधरा कांड से गुस्साए भीड़ को भड़काया था। जबकि कोडनानी का कहना है कि दंगे की सुबह वो गुजरात विधानसभा में थी। जबकि गवाहों का कहना कि दंगों के दौरान वो नरोदा ग्राम में ही मौजूद थी।
जानकारी के मुताबिक, नरोदा हिंसा मामले के आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 302 हत्या, 307 हत्या का प्रयास, 143 गैरकानूनी जमावड़ा, 147 दंगा, 148 घातक हथियारों से लैस होकर दंगा करना, 120बी आपराधिक साजिश के तहत मुकदमा चल रहा था। First Updated : Thursday, 20 April 2023