'कांग्रेस ने मुझे धोखा दिया, मैंने नहीं' अचानक सामने आए नीलेश कुंभानी

गुजरात की राजनीति में पहली बार लोकसभा चुनाव से पहले ही कोई सीट निर्विरोध जीती गई. ये मुलाकात यानी सूरत और वहां जो सियासी ड्रामा हुआ उसे सिर्फ गुजरात की जनता ने ही नहीं बल्कि देश ने भी देखा.

JBT Desk
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गुजरात की राजनीति में पहली बार लोकसभा चुनाव से पहले ही कोई सीट निर्विरोध जीती गई. ये मुलाकात यानी सूरत और वहां जो सियासी ड्रामा हुआ उसे सिर्फ गुजरात की जनता ने ही नहीं बल्कि देश ने भी देखा. समर्थकों के हस्ताक्षर गलत बताकर कांग्रेस प्रत्याशी नीलेश कुंभानी का नामांकन फॉर्म रद्द होना और फिर समर्थकों का हस्ताक्षर सही होने का दावा और फिर कुंभानी द्वारा अचानक उम्मीदवारी वापस लेने के बाद एक के बाद एक कई नाटकीय घटनाएं घटी हैं. इस पूरे मामले में अन्य. हालांकि, अब गुजरात में लोकसभा चुनाव भी संपन्न हो चुके हैं. लेकिन बीजेपी और कांग्रेस दोनों में ही असंतोष के अंगारे अब भी सुलग रहे हैं और धीरे-धीरे विरोध के स्वर बाहर आने लगे हैं. मनावदर विधानसभा उपचुनाव में बीजेपी प्रत्याशी अरविंद लदानी ने पार्टी के कुछ नेताओं पर बड़ा आरोप लगाया है, जिससे बीजेपी में भूचाल आ गया है. वहीं अब सूरत से कांग्रेस के विवादित उम्मीदवार नीलेश कुंभानी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बड़े दावे किए हैं.

नीलेश कुंभानी ने मीडिया के सामने आकर कहा कि अब तक वह सौराष्ट्र में अपने वाडी और घर में थे. कुम्भानी ने हैरान करने वाला दावा करते हुए कहा कि मैंने कांग्रेस को धोखा नहीं दिया बल्कि कांग्रेस ने मुझे धोखा दिया है. टिकट मिलने के बाद से कांग्रेस कार्यकर्ता, नेता साथ नहीं दे रहे थे. जब हम घर-घर प्रचार के लिए जाते हैं तो कोई साथ नहीं आता. यहां बैठे कांग्रेस नेता भी समर्थक नहीं थे. प्रतापभाई मेरे साथी हैं, कांग्रेस नेता ने मुझे धोखा दिया है.'

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मेरा बीजेपी से कोई संबंध नहीं है और बीजेपी में शामिल होने या राजनीति में किस दिशा में आगे बढ़ना है, इस बारे में अभी कोई फैसला नहीं किया है. इसके साथ ही उन्होंने कहा, 'कांग्रेस के बैठे नेता कुछ भी कहें, मैं अपनी कार से गया था, बीजेपी की नहीं. जब वह गया तो धक्का लगने से बचने के लिए पिछले दरवाजे से चला गया. मैं आरोप लगाकर किसी का अपमान नहीं करना चाहता लेकिन मेरे समर्थक कांग्रेस कार्यकर्ता थे.' मेरा फॉर्म एक कांग्रेसी वकील ने भरा था. लेकिन मेरे समर्थकों और कांग्रेस ने मई 2017 में बदला लिया. आज भी मैं सूरत में ईंटें पीट रहा हूं कि कोई मेरे बगल में मेरा लाल देख ले.'

इसके अलावा अपने बयान में नीलेश कुंभानी ने यह भी कहा कि मैं धनानी और शक्तिसिंह गोहिल के सम्मान में चुप रह रहा हूं वरना कांग्रेस ने मेरे साथ क्या किया है, मैं सब कुछ बता सकता हूं. वहीं नीलेश कुंभानी के गायब होने के बाद कांग्रेस ने उनके खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें 6 साल के लिए पार्टी से निलंबित कर दिया है. इसके अलावा कांग्रेस के कानूनी सेल द्वारा उनके खिलाफ आपराधिक कार्यवाही भी शुरू की गई थी. बहरहाल, नीलेश कुंभानी के अचानक इस तरह सामने आने और उन्होंने जो दावे किए हैं, उसके बाद अब देखना यह होगा कि गुजरात की राजनीति में क्या नया बवंडर खड़ा होता है.

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11 May 2024, 03:45 PM IST

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