गुजरात से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. दरअसल वडोदरा के हरनी में वडोदरा नगर निगम ने एक मुस्लिम महिला को 2017 में मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत एक अवास दिया गया. लेकिन जब वह इलाका हिंदू बहुलकर है. ऐसे में वहां के लोगों ने महिला के वहां रहने पर आपत्ति जताई थी. महिला को वहां जाने की बेहद खुशी थी. लेकिन उसके जाने से पहले ही 33 निवासियों ने जिला कलेक्टर और अन्य अधिकारियों को एक लिखित शिकायत भेजी, जिसमें एक 'मुस्लिम' के वहां रहने पर आपत्ति जताई गई.
दरअसल लोगों ने महिला के वहां रहने पर संभावित "खतरे और उपद्रव" का हवाला दिया था. वहीं, अधिकारियों का कहना है कि वह परिसर में एकमात्र मुस्लिम महिला है जिसे अवास दिया गया है. इस मामले में उप नगर आयुक्त अर्पित सागर और किफायती आवास के कार्यकारी अभियंता नीलेशकुमार परमार ने इस मुद्दे पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है.
इस मामले में 44 वर्षीय महिला का कहना है कि विरोध प्रदर्शन सबसे पहले 2020 में शुरू हुआ था, जब निवासियों ने मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) को पत्र लिखकर उनके घर के आवंटन को अमान्य करने की मांग की थी. हालांकि, हरनी पुलिस स्टेशन ने तब सभी पक्षों के बयान दर्ज किए और शिकायत बंद कर दी. इसी मुद्दे पर अब फिर से विरोध प्रदर्शन 10 जून को हुआ था.
महिला ने बताया कि "मैं वडोदरा के एक ऐसे इलाके में पली-बढ़ी हूँ जहां सभी लोगो साथ रहते हैं और मेरे परिवार ने कभी भी बस्ती की अवधारणा पर विश्वास नहीं किया... मैं हमेशा चाहती थी कि मेरा बेटा एक ऐसे ही इलाके में बड़ा हो, लेकिन मेरे सपने टूट गए हैं क्योंकि लगभग छह साल हो गए हैं और मेरे सामने जो विरोध है उसका कोई समाधान नहीं है. मेरा बेटा अब कक्षा 12 में है और इतना बड़ा हो गया है कि वह समझ सकता है कि क्या हो रहा है. भेदभाव उसे मानसिक रूप से प्रभावित करेगा." First Updated : Friday, 14 June 2024