Election 2023: कांग्रेस राज में उन्हें अचानक 'मंत्री से कैदी' बना दिया गया...' अमित शाह पुराने दिनों को याद कर जमकर बरसे

अमित शाह ने बताया कि कैसे उनकी गिरफ्तारी के बाद निरुपम ने मेरा तुलसीदास प्रजापति कथित फर्जी मुठभेड़ मामले में केस लड़ा और जीत दिलाई.

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Edited By: Sachin

Assembly Election 2023: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कांग्रेस पर जमकर बरसते हुए दिखाई दिए, उन्होंने कहा कि कांग्रेस के राज में उन्हें अचानक मंत्री से कैदी बना दिया गया था. सोहराबुद्दीन मामले का जिक्र किए बिना गृह मंत्री शाह ने कहा कि सीबीआई का इस्तेमाल कर उनके खिलाफ मामला दर्ज कर जेल में डलवा दिया था. अमित शाह ने कांग्रेस के पूर्व महासचिव निरुपम नानावटी और सुप्रीम कोर्ट का इस मामले में जीतने का श्रेय दिया है. 

जेल मंत्री होने के बाद भी कुछ ही मिनटों में अमित शाह बने कैदी

अमित शाह गुजरात के पूर्व कानून मंत्री दिव्यकांत नानावटी पर छपे एक संस्करण का विमोचन करने के बाद एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बताया कि कैसे वह उसी जेल के कैदी मिनटों में बन गए. जिनकी देखरेख के लिए उन्हें मंत्री बनाया गया था. बता दें कि साल 2010 में अमित शाह गुजरात में मोदी सरकार में राज्य मंत्री थे. 

जेल के दौरान मेरा सबसे बुरा वक्त था: अमित शाह 

अंग्रेजी समाचार पत्र इंडियन एक्सप्रेस की मानें तो शाह ने कहा कि कांग्रेस ने मेरे खिलाफ सीबीआई के माध्यम से केस दर्ज करवाया और मुझे जेल में डलवा दिया गया. जाहिर सी बात है कि यह वक्त मेरे लिए काफी बुरा था. उन्होंने आगे कहा कि मैं पांच मिनट पहले जेल मंत्री था और पांच मिनट बाद उसका कैदी बन गया. शाह ने कहा कि ऐसा हश्र शायद इतिहास में ऐसे किसी नेता के साथ हुआ. ईश्वर करें इतना सौभाग्यशाली किसी को न बनाए. लेकिन मैं इतना सौभाग्यशाली था. 

कांग्रेस नेता ने लड़ा अमित शाह का केस 

अमित शाह ने बताया कि कैसे उनकी गिरफ्तारी के बाद निरुपम ने मेरा तुलसीदास प्रजापति कथित फर्जी मुठभेड़ मामले में केस लड़ा और जीत दिलाई. निरुपम नानावटी गुजरात के उस समय काफी बड़े वकील में से एक और दिव्यकांत के बेटे हैं. शाह ने कहा कि उनकी गिरफ्तारी के बाद कुछ अच्छे वकील चर्चा करने लगे थे, खासकर जो आपराधिक कानून की जानकारी रखते हैं. उन्होंने कहा कि स्वाभाविक रूप से निरुपम नानावटी का नाम चर्चा में था. 

निरुपम को लेकर अमित शाह ने कहा कि में संशय में था 

उन्होंने कहा कि हमारे बीच में इस बात को लेकर चर्चा थी कि निरुपम भाई कांग्रेस के पूर्व महासचिव रह चुके हैं, नेता भी रहे हैं. ऐसे में क्या वह हमारा केस लड़ेंगे? वहां पर मौजूद सभी लोगों ने इस पर नकारात्मक प्रतिक्रिया दी. साथ ही मेरा मन भी कह रहा था कि मेरा केस नहीं लड़ेंगे. शाह ने कहा कि मेरे मन ने कहा कि एक बार उनसे बात कर ली जाए. तभी मेरे दोस्त ने मेरी तरफ से निरुपम जी से बातचीत की और वह केस लड़ने के लिए तैयार हो गए. उन्होंने सिर्फ केस ही नहीं लड़ा बल्कि सुप्रीम कोर्ट में केस जीतने में भी काफी मदद की. वरिष्ठ वकील की तारीफ करते हुए शाह ने कहा कि वह एक कांग्रेस होने के बाद भी मेरा केस लड़ने के लिए इसलिए तैयार हो गए थे कि क्योंकि उन्हें पता था कि मेरे खिलाफ साजिश रचकर मुझे फंसाया गया है. 

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03 December 2023, 03:22 PM IST

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