4 साल से कहां सो रहे थे कोर्ट ने राजकोट गेम जोन में आग को मानव निर्मित आपदा करार दिया

Rajkot Game Zone: गुजरात हाई कोर्ट ने राजकोट नगर निगम के अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई और कहा कि यह सामने आने के बाद राज्य मशीनरी पर से विश्वास उठ गया है, वो इसलिए क्योंकि जिस गेमिंग जोन में आग लगने से 28 लोगों की मौत हो गई थी, वह परमिट के बिना चल रहा था.

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HC On Rajkot Game Zone: गेमिंग जोन में बड़ी सुरक्षा खामियां सामने आने के बाद गुजरात HC ने सोमवार को राजकोट नगर निगम को कड़ी फटकार लगाई. न्यायमूर्ति बीरेन वैष्णव और न्यायमूर्ति देवन देसाई की विशेष पीठ ने राज्य मशीनरी में विश्वास की कमी व्यक्त करते हुए सवाल उठाया कि पिछले अदालती आदेशों के बावजूद ऐसी त्रासदी कैसे हो सकती है? गुजरात उच्च न्यायालय ने इसपर संज्ञान लेते हुए इसे "मानव निर्मित आपदा" करार दिया.

ये मानव निर्मित आपदा- कोर्ट 

गुजरात हाई कोर्ट ने रविवार को गेम जोन में लगी आग पर खुद से संज्ञान लेते हुए इसे "मानव निर्मित आपदा" करार कहा. कोर्ट ने कहा कि पिछले अदालती आदेशों के बावजूद ऐसी त्रासदी कैसे हो सकती है? कैसे निर्दोष लोगों की जान जा सकती है? कोर्ट ने राजकोट गेम जोन में आग लगने पर अधिकारियों को फटकार लगाते हुए कहा कि पिछले 4 साल से कहां सो रहे थे. 

अधिकारी क्या खेलने गए थे- कोर्ट

कोर्ट ने कहा कि ''जब आरएमसी ने अदालत को बताया था कि गेमिंग जोन ने अनुमति नहीं मांगी है, तो इसके बाद ये किसकी जिम्मेदारी है. कोर्ट ने कहा कि "हमारे आदेश के चार साल बाद भी अगर अग्नि सुरक्षा के मामले में कोई फैसला नहीं लिया गया, तो इसके लिए RMC कैसे ज़िम्मेदार नहीं '' गेमिंग जोन में अधिकारियों की तस्वीरें सामने आने के बाद अदालत ने राजकोट नागरिक निकाय को भी फटकार लगाई थी. "ये अधिकारी वहां क्या कर रहे थे? क्या वे खेलने गए थे?" 

इस मामले में गेमिंग जोन के मालिक और मैनेजर समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इसके अलावा छह लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है. गुजरात के डीजीपी ने राज्य के सभी गेमिंग जोन का निरीक्षण करने और अग्नि सुरक्षा अनुमति के बिना चल रहे गेमिंग जोन को बंद करने का निर्देश दिया है. 

क्या था मामला?

शनिवार को लगी आग कथित तौर पर गेम जोन में चल रहे वेल्डिंग के काम की वजह से लगी थी, जिसमें 28 लोगों की मौत हो गई. इस दौरान सुविधा में अग्निशमन विभाग भी मौके पर नहीं था, वहीं निकलने और अंदर जाने के लिए भी सिर्फ एक ही रास्ता था. गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और गृह मंत्री हर्ष सांघवी ने स्थिति का आकलन करने के लिए घटनास्थल का दौरा किया और घटना की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है. एसआईटी को 72 घंटे के अंदर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया गया है.

First Updated : Monday, 27 May 2024