शहीद कपूर की फिल्म 'फ़र्ज़ी' देखने से आया था नकली नोट छापने का आईडिया, कम समय में बनना चाहते थे करोड़पति, पड़ गए लेने के देने
गुजरात के अहमदाबाद के चार आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कऱ लिया है, जो नकली नोट छपने के आरोप में पकड़े गए हैं, साथ ही साथ नोट छापने से जुडी सभी चीज़ों को भी पुलिस ने अपने कब्जे में ले लिया है, पूछताछ पर बताया की उन्हें यह आईडिया शहीद कपूर की फिल्म 'फ़र्ज़ी' देखने से आया था।
हाइलाइट
- गुजरात के अहमदाबाद के चार आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कऱ लिया है, जो नकली नोट छपने के आरोप में पकड़े गए हैं, साथ ही साथ नोट छापने से जुडी सभी चीज़ों को भी पुलिस ने अपने कब्जे में ले लिया है, पूछताछ पर बताया की उन्हें यह आईडिया शहीद कपूर की फिल्म 'फ़र्ज़ी' देखने से आया था।
गुजरात के अहमदाबाद से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है, जहाँ पुलिस ने एक बहतु बड़ी छापेमारी मारी है। जहां चार लोगों द्वारा नकली नोट छापकर और उन्हें मार्किट में सप्लाई किया करते थे। यह चरों किराए के एक कमरे में प्रिंटिंग मशीन से 500 और 2000 के नकली नोट छापते थे। पूछताछ में मालूम हुआ की उन लोगों को यह आईडिया फिल्म 'फ़र्ज़ी' देखने के बाद आया।
पुलिस ने की आरोपियों से पूछताछ
पुलिस ने चारों आरोपियों से कड़ी पूछताछ शुरू कर दी है, जिसमें उन्होंने पुलिस को बताया की वह चारो कम टाइम में ज़्यादा पैसा कमाना चाहते थे, जिसके लिए उन्हें एक शॉर्टकट तरिके की जरूरत थी। इस बीच उन्होंने शहीद कपूर की फिल्म 'फर्जी' देखी जिससे उन सभी को यह आईडिया आया। उन्होंने आगे बताया की वह कम मेहनत में करोड़पति बनना चाहते थे जिसके बाद वह इस फिल्म से इंस्पायर होकर नकली नोट छापने लगे। जैसे फिल्म में शहीद कपूर नकली नोट छापकर करोडपति बन जाता है।
मार्किट में नकली नोटों को करते थे सप्लाई
इसके बाद सभी ने सबसे पहले इंटरनेट पर नकली नोट बनाने का तरीका सीखा जिसके बाद उन चारों ने इस काम को अंजाम देने के लिए एक कमरा किराए पर लिया। जिसके बाद वह एक प्रिंटिंग मशीन और सभी सामग्री से नकली नोट बनाने में कामियाब हो गए और बाज़ार में उन्हें सप्लाई करने लगे।
जानकारी के मुताबिक अभी चारों आरोपियों की पहचान हो गयी है, जिनके नाम आरीफ मकराणी, फैझान मोमीन, मुजम्मिल शेख और अंश असलम शेख है। पुलिस ने सभी आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और आगे की कार्यवाही जारी है।